नई दिल्ली । घाटी से आतंकियों के सफाए के लिए भारत सरकार ने एक नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। खबर है कि घाटी में अब सुरक्षा बलों के साथ दुनिया के बेहतरनी कमांडों में से एक कहे जाने वाले भारत के मरीन कमांडो 'मार्कोस' भी होंगे। जल, थल और वायु में होने वाले हर प्रकार के ऑपरेशन को अंजाम देने में महारत रखने वाले ये कमांडो दुश्मन को बिना भनक लगे, उन्हें खत्म करने में माहिर होते हैं। सूत्रों की मानें तो नेवी ने लेफ्टिनेंट कमांडर के नेतृत्व में 30 कमांडो की एक यूनिट को घाटी में तैनात किया है। इस यूनिट का मकसद घाटी में जारी आतंकी गतिविधियों को जड़ से खत्म करना है। मुंबई हमले के दौरान ताज होटल पर हुए आतंकी हमले में पहला मोर्चा संभालने वाले यही कमांडो थे। वहीं हाल में इन्होंने झेलम नदी के नजदीक आतंकियों के खिलाफ होने वाले सर्च ऑपरेशन में शानदार काम किया था।
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बता दें कि पाकिस्तान परस्त आतंकियों के घाटी में प्रवेश करने और यहां घुसपैठ कर चुके आतंकियों के खात्म के लिए एक नई रणनीति बनाई गई है। भारतीय सेना के साथ इस काम में अब साथ देंगे भारतीय मरीन कमांडो मार्कोस। इन कमांडो को अमेरिकी नेवी सील्स की तर्ज पर तैयार किया गया है। भारतीय नौसेना की इस स्पेशल यूनिट का गठन 1987 में किया गया था। इनके गठन के पीछे सरकार का मकसद समुद्री लुटेरों और आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देना था।
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खास बात ये है कि इन कमांडो के पास उच्च स्तरीय हथियार और अन्य उपकरण होते हैं, जिससे यह दुश्मन तक बिना उसे भनक लगे पहुंच जाते हैं। हालांकि इस सब के सही तरीके से अंजाम देने के लिए इन कमांडो को एक खास ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। मार्कोस जल, थल और वायु सभी जगह ऑपरेशन को अंजाम देने में महारत हासिल रखते हैं। अमूमन इन्हें समुद्री लुटेरों को खत्म करने में लगाया जाता है लेकिन घाटी में मौजूदा हालात को देखते हुए सेना के साथ इन मार्कोस को लगाए जाने का प्लान बनाया गया है।
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बता दें कि इससे पहले 1995 में मार्कोस को वुलर लेक के पास करीब 250 किमी का इलाका साफ करने के काम में लगाया गया था। आतंकियों में भी मार्कोस की तैनाती को लेकर काफी खौफ है।