नई दिल्ली। विपक्षी एकता और दलित वोटों को अपने पक्ष में करने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस इन दिनों अपने विरोधी दलों के साथ भी हाथ मिलाने से भी परहेज नहीं कर रही है। गौर करने वाली बात है कि इसी साल के अंत में 3 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ उसी सूरत में गठबंधन करेगी जब उसे सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी। यहां बता दंे कि मायावती का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि राहुल गांधी के खिलाफ बयान देेने पर उन्होंने अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को सभी पदों से हटा दिया था।
गौरतलब है कि मायावती की इस कार्रवाई के बाद ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस और बसपा के बीच नजदीकी बढ़ती जा रही है। हालांकि कांग्रेस ने भी मायावती के इस बयान को अभी बहुत गंभीरता से नहीं लिया है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश इकाई के कार्यकर्ताओं ने भाजपा को रोकने के लिए बसपा का सहयोग लेने की बात कही थी लेकिन राजस्थान में इसका विरोध किया गया।
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बता दें कि राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी की पकड़ उतनी मजबूत नहीं है ऐसे मंे अगर कांग्रेस उसके साथ गठबंधन करती है तो इससे उसे आने वाले समय में नुकसान ही होगा। राजस्थान इकाई के नेताओं का कहना है कि प्रदेश में वसुंधरा राजे के शासन के खिलाफ लोगों में घोर असंतोष है, ऐसे में पार्टी को अकेले ही चुनाव लड़ना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ मायावती चुनाव वाले तीनों राज्यों में गठबंधन करना चाहती है। मायावती ने साफ कहा है कि वह गठबंधन उसी सूरत में करेगी जब उसकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी।
यहां गौर करने वाली बात है कि कर्नाटक सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया गांधी और मायावती के बीच बढ़ती नजदीकी से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि भविष्य में कांग्रेस और बसपा के बीच चुनावी गठबंधन हो सकता है।