नई दिल्ली। पाकिस्तान में सरकार के बदलने के साथ ही जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के भी बदल गए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जब तानाशाह परवेज मुशर्रफ से बात की जा सकती है तो जनता के द्वारा चुने गए नेता इमरान खान से बात क्यों नहीं की जा सकती है? महबूबा मुफ्ती ने दोनांे देशों की बेहतरी के लिए पाकिस्तान से फौरन बात करने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में इमरान खान ने कुछ ही दिनों पहले सत्ता संभाली है और उसके बाद भी नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर की समस्या एक राजनीतिक समस्या है और इसका समाधान बातचीत से ही संभव हो सकता है, ऐसे मंे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि राज्य में राज्यपाल शासन है या फिर चुनी हुई सरकार राज कर रही है।
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यहां बता दें कि राज्य के लोग शांति और अमन चाहते हैं। महबूबा मुफ्ती ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपना वादा निभाया था और उन्होंने पाकिस्तान को सीजफायर के लिए राजी किया, जो 8 साल तक चला। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हांेने तो पूर्व सेनाध्यक्ष और तानाशाह परवेज मुशर्रफ से भी बात की थी। अब तो वहां एक चुनी हुई सरकार है तो उनसे बात क्यों नहीं की जा सकती है?