नई दिल्ली । भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के बीच जहां आज भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस की यात्रा पर हैं , जो सेना की परेड में हिस्सा लेंगे । वहीं सेना प्रमुख नरवणे ने तिब्बत सीमा पर गतिरोध में घायल जवानों से मुलाकात की। इस सबके बीच खबर है कि भारत सरकार ने एम-777 हॉवित्जर तोपों के गोले खऱीदने के लिए अमेरिका से संपर्क किया है । यह गोले इमरजेंसी फंड से खरीदे जाएंगे । ऐसे समय में जब तिब्बत सीमा पर भारत-चीन के बीच गतिरोध कायम है , ऐसे में भारत सरकार द्वारा हॉवित्जर तोपों के गोले खरीदने का फैसला भारत सरकार के रुख को दर्शाता है ।
बता दें कि चीन के साथ जारी गतिरोध पर भारत की मोदी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया हुआ है । हालांकि विवादित क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच हुए बातचीत में अब दोनों के पीछे हटने और गतिरोध को कम करने के फैसले लेने पर बात बनी है । इस सबके बीच भारतीय सेना का रुख अभी आक्रामक है । भारतीय सेना के प्रमुख एम. एम. नरवणे लेह पहुंचे, यहां पर सेना प्रमुख ताजा हालातों का जायजा लिया । सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे ने लेह में सेना के अस्पताल में घायल जवानों से मिले, उन्होंने उनका हौसला बढ़ाया । साथ ही सेना प्रमुख ने कहा कि आपने बढ़िया काम किया, लेकिन अभी काम पूरा नहीं हुआ है ।
इससे इतर भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस की यात्रा पर है , जहां वह आज रुसी रक्षामंत्री के साथ मुलाकात करेंगे । इतना ही नहीं इस दौरान वह भारत को कुछ रक्षा जरूरतों की मांग कर सकते हैं । इस समय दोनों देशों के विदेश सचिव स्तर के अधिकारियों के बीच बैठक जारी है । हालांकि राजनाथ सिंह वहां उनकी सेना की परेड में हिस्सा लेने के लिए गए हैं। इस यात्रा को कूटनीतिक रूप से भी काफी अहम माना जा रहा है ।
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि रक्षामंत्री रूस यात्रा के दौरान रक्षा जरूरतों की जल्द से जल्द सप्लाई की मांग कर सकते है । रूस से कई कलपुर्जों की सप्लाई हवाई मार्ग से करवाने की मांग भी भारतीय रक्षामंत्री कर सकते हैं । इसमें सुखोई , एसआई समेत कई लड़ाकू विमानों की मिसाइलों की भी जल्द सप्लाई की मांग की जा सकती है ।