नई दिल्ली। हिंदी भाषी तीनों राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवाने के बाद अब गुरुवार को केन्द्र सरकार ने किसानों के लिए खजाना खोलने का मन बनाया है। ऐसा माना जा रहा है कि किसानों की नाराजगी के चलते भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने चुनावी रैली में कहा गया था कि वे सरकार बनने की सूरत में किसानों का कर्ज माफ करेंगे। अब देखना है कि उनकी सरकार किस तरह से काम करते हैं। फिलहाल केंद्र सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने का मन बना लिया है। बताया जा रहा है कि फरवरी में पेश होने वाले बजट में किसानों के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा होने की संभावना है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार देश भर के करीब 26 करोड़ अन्नदाताओं और उनके आश्रितों द्वारा लिए गए विभिन्न सरकारी बैंकों से लिए गए कर्ज को माफ करने की योजना पर काम कर रही है। बता दें कि अगर केंद्र सरकार देश भर के किसानों के कर्ज माफ करने की योजना बनाती है तो उसे बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि कर्ज की रकम रिजर्व बैंक के पास जितना पैसा है उससे भी ज्यादा है।
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यहां बता दें कि फिलहाल तीन राज्यों में मिली हार के बाद कंेद्र सरकार आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कोई जाखिम नहीं उठाना चाहती है। ऐसे में सरकार ने अभी से लोकलुभावन घोषणा करने का मन बना लिया है ताकि 2019 में उसे खामियाजा नहीं भुगतना पड़े। आपको बता दें कि एनडीए की सरकार के साढ़े 4 सालों के दौरान किसानों की आय कम होती जा रही है। खेती से होने वाली पैदावार भी सितंबर में खत्म हुई तिमाही में 5.3 फीसदी से घटकर केवल 3.8 फीसदी रह गई। गौर करने वाली बात है कि इतने बड़े पैमाने पर किसानों के कर्ज माफ करने के लिए इकोनॉमिक पॉलिसी में बड़े बदलाव करने होंगे।