नई दिल्ली । निजी क्षेत्र के कुछ एक्सपर्ट को केंद्र की मोदी सरकार अपने साथ जोड़ने की योजना बना रही है । जानकारी के मुताबिक , केंद्र सरकार उप-सचिव और निदेशक स्तर के कुछ पदों पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को नियुक्त कर सकती है । सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लाने के लिए इन पदों को अहम माना जाता है। आम तौर पर इन पदों को आईएएस जैसी समूह क की सेवाओं और केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारियों की प्रोन्नति से भरा जाता है । इस बारे में बुधवार को जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी चंद्रमौली ने विभाग के अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले निजी क्षेत्र के अधिकारियों को उप-सचिव और निदेशक स्तर के पदों पर भर्ती करने के औपचारिक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है ।
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जानकारी के मुताबिक , नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को सीधे उच्च पदों पर निश्चित अवधि के अनुबंध पर व्यवस्था में शामिल किया जाए । अधिकारियों ने कहा कि आयोग भी उप-सचिव से लेकर संयुक्त सचिव तक के विभिन्न पदों पर विशेषज्ञों के नियुक्त करने पर विचार कर रहा है। शुरू में ऐसे कुल 40 अधिकारियों को नियुक्त किया जा सकता है । निजी क्षेत्र से विशेषज्ञों की नियुक्ति को लेकर जल्दी ही विज्ञापन जारी किया जा सकता है ।
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कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल जून में संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर सीधी नियुक्ति को लेकर आवेदन मंगाये थे । सरकारी विज्ञापन के जवाब में कुल 6,077 आवेदन मिले थे । संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने इस साल अप्रैल में संयुक्त सचिव पद पर निजी क्षेत्र के नौ विशेषज्ञों का चयन किया ।
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