Friday, April 26, 2024

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हैदराबाद एनकाउंट - इन नेताओं ने उठाए पुलिस की कार्रवाई पर सवाल , कहा- लोगों की खुशी चिंता का विषय

अंग्वाल न्यूज डेस्क
हैदराबाद एनकाउंट - इन नेताओं ने उठाए पुलिस की कार्रवाई पर सवाल , कहा- लोगों की खुशी चिंता का विषय

नई दिल्ली । हैदराबाद में दिशा रेप और हत्याकांड के आरोपियों को एनकाउंट में ढेर करने की घटना की जहां पूरे देश में चर्चा के साथ पुलिसवालों की जमकर वाहवाही हो रही है , वहीं देश के कई नेताओं ने इस घटनाक्रम पर चिंता जताई है । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस दौरान एनकाउंटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भले ही पूरा देश इस घटना पर खुशियां जता रहा हो , लेकिन देश के लिए लोगों की यह खुशी चिंता का विषय है । वहीं भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा कि जो हुआ सही नहीं है । इसका समाधान एनकाउंटर नहीं है । जूडिशल सिस्टम के तहत सजा मिलनी चाहिए । 

केजरीवाल ने कहा- चिंता का विषय

विदित हो कि जहां देश की दिग्गज महिला सांसदों समेत नेताओं ने हैदराबाद एनकाउंटर को सही करार दिया है , वहीं बहुत कम नेता ऐसे हैं , जिन्होंने पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटना पर चिंता जाहिर की है । केजरीवाल (CM Kejriwal) ने कहा कि ये दिखाता है कि न्यायिक व्यवस्था पर लोगों का भरोसा खत्म हो गया है । उन्होंने कहा कि सभी सरकारों को अपराध के ऐसे मामले में जल्द एक्शन (कार्रवाई) लेना चाहिए और दोषियों को सजा देनी चाहिए । सीएम केजरीवाल ने कहा कि उन्नाव हो या हैदराबाद, रेप के मामले लगातार सामने आ रहे हैं इससे लोगों में भारी गुस्सा है । इसलिए वो हैदराबाद एनकाउंटर पर अपनी खुशी जता रहे हैं । 

ओवैसी बोले - सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जांच हो

वहीं एआईएमआईएम के मुखिया असद्दुदीन ओवैसी ने भी इस घटना पर नाराजगी जताते हुए न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए इस मुठभेड़ पर सवाल उठाए । उन्होंने इस मामले की जांच करवाए जाने की मांग की । ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर मुठभेड़ की जांच की जानी चाहिए।

शशि थरूर का नजरिया

उनके अलावा कांग्रेस के सीनियर लीडर शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'न्यायिक व्यवस्था से परे इस तरह के एनकाउंटर स्वीकार नहीं किए जा सकते।' एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'हमें और जानने की जरूरत है। यदि क्रिमिनल्स के पास हथियार थे तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई को सही ठहरा सकती है। जब तक पूरी सच्चाई सामने न आए तब तक हमें निंदा नहीं करनी चाहिए। लेकिन कानून से चलने वाले समाज में इस तरह का गैर-न्यायिक हत्याओं को सही नहीं ठहराया जा सकता।'


राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष बोलीं

इसी क्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, 'एक आम नागरिक के तौर पर मैं खुश हूं कि उनका वह अंत हुआ है, जैसा हम लोग चाहते थे। लेकिन, ऐसा न्याय कानूनी सिस्टम के तहत होना चाहिए था। यह सही प्रक्रिया के तहत होना चाहिए था।' उन्होंने कहा कि हम हमेशा से उनके लिए मौत की सजा मांग रहे थे और यहां पुलिस सबसे अच्छी जज साबित हुई। मैं नहीं जानती कि आखिर किन परिस्थितियों में यह एनकाउंटर हुआ।

सीताराम येचुरी ने कहा...

वामपंथी दल सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि गैर-न्यायिक हत्याएं महिलाओं के प्रति हमारी चिंता का जवाब नहीं हो सकतीं। उन्होंने कहा कि बदला कभी न्याय नहीं हो सकता। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड के बाद लागू हुए कड़े कानून को हम सही से लागू क्यों नहीं कर पा रहे है।

मेनका गांधी बोलीं 

भाजपा सांसद मेनका गांधी ने भी इस एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'जो भी हुआ है, वह इस देश के लिए बहुत भयानक हुआ है। आप लोगों को इसलिए नहीं मार सकते क्योंकि आप ऐसा चाहते हैं। आप कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते। उन्हें किसी भी तरह से कानून के जरिए ही सजा दी जानी चाहिए थी।'

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