नई दिल्ली। विशेष राज्य के दर्जे को लेकर एनडीए की परेशानी कम होने के बजाय बढ़नी शुरू हो गई है। आंध्रप्रदेश के बाद अब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग शुरू कर दी है। जदयू ने तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) का समर्थन करते हुए कहा कि बिहार के विभाजन से उसे काफी नुकसान हुआ है। गौर करने वाली बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2005 से ही राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं। विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर टीडीपी एनडीए से अलग हो गया है।
गौरतलब है कि जनता दल युनाईटेड के महासचिव केसी त्यागी और प्रवक्ता पवन वर्मा ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की पुरजोर मांग की है। उनका भी कहना है कि झारखंड के अलग होने से राज्य को राजस्व का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। राज्य के बंटवारे के समय ही विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज देने का आश्वासन दिया गया था लेकिन उसे अब तक पूरा नहीं किया गया है।
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यूपीए सरकार के कार्यकाल और बाद में वर्ष 2013 में भाजपा से नाता तोड़ने के बाद नीतीश ने इस मांग को जोर-शोर से उठाया था। साल 2014 में नई सरकार के गठन के बाद भी जदयू ने लगातार विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की लेकिन जदयू के फिर से एनडीए में शामिल होने के बाद नीतीश ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।