नई दिल्ली। अगर आप ट्रेन से यात्रा करते हैं और उसकी लेट-लतीफी से परेशान हैं तो जल्द ही आपको इस समस्या से निजात मिलने वाली है। भारतीय रेल जल्द ही दिल्ली से मुगलसराय होते हुए पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत देने जा रही है। रेलवे की तरह से देश के व्यस्ततम रूटों पर यूरोपीय टेक्नोलॉजी लाने वाला है जिससे रेलगाड़ियां समय से चल सकेगी।
गौरतलब है कि रेलवे जल्द ही देश के इस सबसे बिजी सेक्शन पर यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम-2 को लागू करने जा रही है। इस सिस्टम के तहत ट्रेन की स्पीड बढ़ेगी, साथ ही ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनों की एक-दूसरे से दूरी महज 500 मीटर रहेगी। इससे रेलवे मौजूदा ट्रैक पर गाड़ियों की रफ्तार को बढ़ा सकेगा। बता दें कि दिल्ली-मुगलसराय 830 किलोमीटर लंबा रूट है। इस रूट पर सिग्नल लगाने का काम पावरग्रिड काॅरपोरेशन और क्मयूनिकेशन के लिए रेलटेल साझेदारी करेंगे। इस सिग्नल सिस्टम के लग जाने से ट्रैक की क्षमता 40 से 50 फीसदी बढ़ जाएगी।
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यहां बता दें कि पूरे रूट पर आॅटामेटिक सिग्नल प्रणाली लग जाने से और गाड़ियों की रियल टाइम जानकारी से कर्मचारियों को खुद डाटा फीड नहीं करना पड़ेगा जिससे काफी समय बचेगा। ऐसे में गाड़ियों की लेट लतीफी पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। गौर करने वाली बात है कि मौजूदा समय में जो सिस्टम है उसके अनुसार भारत में हर 10 मिनट में एक ट्रेन चलती है या फिर दो ट्रेनों के बीच कम से 10 किलोमीटर की दूरी रहती है। वहीं राजधानी, शताब्दी और दुरंतों ट्रेनों के लिए कई स्टेशनों को खाली रखा जाता है इस दौरान मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों को भी रोक दिया जाता है। ऐसे में ट्रेन अपनी मंजिल पर देरी से पहुंचती है।