नई दिल्ली । भारतीय सेना के लिए एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन सालों के दौरान में भारतीय सेना में भर्ती होने वाले जवानों और अफसरों की संख्या में कमी आई है। सेना के अफसरों का कहना है कि इसका कारण योग्य उम्मीदवारों की से जवानों और अफसरों की भर्ती में गिरावट आई है। यह आंकड़े किसी संस्था द्वारा जारी नहीं किए गए हैं, बल्कि रक्षामंत्रालय ने खुद यह जानकारी संसद को दी है। हालांकि योग्य उम्मीदवारों की भर्ती के प्रति उदासीनता का कोई कारण नहीं बताया गया है।
पिछले सालों में लगातार गिरी जवानों की भर्ती
बता दें कि भारतीय रक्षा मंत्रालय ने संसद को दी जानकारी के मुताबिक पिछले तीन सालों में भारतीय फौज में जवानों और अफसरों की भर्ती में कमी आई है। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, पहले की तुलना में जवानों से ज्यादा कमी अफसरों की भर्ती में देखने को मिली है। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, जहां वर्ष 2014-15 में कुछ 66 हजार 992 जवानों की भर्ती हुई थी, वहीं 2015-16 में आंकड़ा बढ़कर 71 हजार 434 तक पहुंच गया था लेकिन उसके बाद हालात खराब हुए। वर्ष 2016-17 में 52 हजार 86 जवान भर्ती हुए। इसके बाद अगले वित्तवर्ष 2017-2018 के दौरान ये संख्या महज 17 हजार 257 ही रह गई है, हालांकि इस वित्त वर्ष के ये आंकड़े महज दिसंबर 2017 तक के हैं लेकिन अगर अगले तीन महीनों में हुई भर्तियों के नंबरों को भी जोड़ा जाएगा तो भी भर्ती में काफी कमी देखी गई है।
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सेना में अफसरों की भी भारी कमी
अगर आंकड़ों की बात करें तो सेना में अफसरों की भी भारी कमी है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2015 में जहां 1961 अफसर भर्ती हुए, वहीं अगले साल 2016 में गिरावट आई और महज 1858 अफसरों की ही भर्ती हुई। अफसरों की सेना में भर्ती के आंकड़ों में गिरावट का दौर 2017 में भी जारी रहा और महज 1773 अफसरों की ही भर्ती हुई। सेना के अफसरों के अनुसार, इस समय से में करीब 9 हजार अफसरों की कमी है। वहीं 40 हजार से ज्यादा जवानों के पद खालाी हैं।
सेवानिवृत्त और सेना विस्तार के चलते रिक्तियां बढ़ीं
इस दौरान भारतीय सेना के सामने एक चुनौती इस रूप में भी खड़ी हो रही है कि समय के साथ साथ सेना का विस्तार हो रहा है। वहीं जवानों का समय पूर्व सेवानिृत्ति, समय समय पर जवानों-अफसरों का सेवानिवृत्त होने के चलते भी सेना में जवानों और अफसरों की मांग बढ़ रही है, लेकिन मौजूदा हालातों में सेना में भर्ती में आई गिरावट आने वाले समय में एक बड़ा संकट बन सकता है।
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