नई दिल्ली । पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के खिलाफ एक नापाक साजिश को अंजाम दिया है। पाकिस्तान ने चीन द्वारा संचालित एक कंपनी को कच्छ के रण में 95 वर्ग किलोमीटर जमीन लीज पर दी है। पाकिस्तान के इस फैसले से जहां एक और भारतीय सीमा की सुरक्षा का मुद्दा फिर से उठा है, वहीं कोयले की खान होने की वजह से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की साजिश के तहत देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि यह सब पाकिस्तान एक सोची-समझी साजिश के तहत कर रहा है, क्योंकि किसी भी अप्रिय स्थिति में चीन और पाकिस्तान इन प्रोजेक्ट की जगह को मिलिट्री बेस बनने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।
द प्रिंट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने चीन द्वारा संचालित एक कंपनी को कच्छ के रण में 95 वर्ग किलोमीटर जमीन लीज पर दी है। हालांकि इससे पहले भी चीन सिंध के थारपारकर जिले में कोयले की खान और पॉवर प्रोजेक्ट लगा चुका है। ये जगह भारतीय सीमा से महज 40 किलोमीटर दूर है। जबकि कच्छ के रण का दूसरे फेस वाला प्रोजेक्ट बॉर्डर से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर है। दूसरी तरफ भारत को सीमा पार बनाई गई करीब 125 मीटर गहरी सुरंगों की संख्या और स्थान का पता लगाने में भी काफी मुश्किल हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार सीमा पार पड़ोसी देश सुरंगें बना रहा है।
हाल में प्रकाशित कुछ मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, सेटेलाइट के जरिए ली गई कुछ तस्वीरों में सामने आया है कि थारपारकर में चीन के प्रोजेक्ट का काम 70% तक पूरा हो चुका है।