Monday, May 20, 2024

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पटना हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, समान काम के लिए समान वेतन का दिया आदेश

अंग्वाल न्यूज डेस्क
पटना हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, समान काम के लिए समान वेतन का दिया आदेश

पटना । पटना हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए समान काम के लिए समान वेतन लागू दिए जाने की बात कही। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने नियोजित शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। अपने फैसले में उन्होंने कहा कि यह फैसला लागू किया जाना चाहिए नहीं तो इसे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा। हाइकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों की याचिका को सुरक्षित रखते हुए इस पर सुनवाई की। कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के समान काम के लिए समान वेतन की याचिका को सही ठहराया है।

बता दें कि समान काम के लिए समान वेतन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सलाह दी थी कि सरकार इस नीति पर विचार करे, जिससे बिहार के नियोजित शिक्षकों में उम्मीद जगी थी, जिसपर आज पटना हाइकोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है। इससे पहले राज्य में नियोजित शिक्षकों ने समान काम के लिए समान वेतन की मांग करते आंदोलन किया। 


मुंगेर के हवेली खड़गपुर स्थित बनहरा स्कूल के शिक्षक उपेंद्र राय ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसके बाद 13 अन्य मामले दायर किये गये थे और सभी मामलों को कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था। इस मुद्दे पर विभिन्न शिक्षक संघों ने एक राय होते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। नियोजित शिक्षकों की ओर से शिक्षकों को मिल रहे वेतन में भेदभाव करने का आरोप लगाया था तो सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति सरकार नहीं करती है, इसलिए समान काम के लिए समान वेतन का सिद्धांत नियोजित शिक्षकों पर लागू नहीं होगा।

इस पर याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया था कि सूबे के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकों से समान कार्य तो लिया जा रहा है, लेकिन वेतन समान नहीं दिया जा रहा है। नियोजित शिक्षकों का वेतन विद्यालय में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों से भी कम है।  

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