नई दिल्ली। बढ़ती गर्मी और उमस के बीच दिल्लीवासियों को एक और परेशानी से जूझना पड़ सकता है। दिल्ली में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ रही है लेकिन बिजली उत्पादन केंद्र में कोयले का स्टाॅक खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि पिछले 10 दिनों से संयंत्र में आने वाले कोयले के स्टाॅक में लगातार कमी आ रही है। कोयले की आपूर्ति के लिए बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्रीय कोयला मंत्री आरके सिंह को पत्र लिखकर आपूर्ति को सामान्य बनाने का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि दिल्ली को बिजली आपूर्ति करने वाले बदरपुर, दादरी और झज्जर स्थित तीनों संयंत्रों में कोयले का स्टॉक बमुश्किल डेढ़ दिन का बचा है। इस बारे में केंद्रीय कोयला मंत्री आरके सिंह को एक पत्र लिखा गया है। इसमें कोयला सप्लाई सामान्य करवाने की गुजारिश केंद्रीय मंत्री से की गई है। दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि इन तीनों संयंत्रों से रोजाना 2,426 मेगावाट बिजली पैदा होती है और इसके लिए रोज 56,000 टन कोयले की आवश्यकता होती है।
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यहां गौर करने वाली बात है कि एक बिजली संयंत्र में न्यूनतम 15 दिन कोयले का स्टॉक होना चाहिए लेकिन तीनों प्लांट के पास 36 घंटे चलाने के लिए ही कोयला बचा है। कोयले की आपूर्ति में आ रही दिक्कतों की मुख्य वजह रेलवे से रैक का न मिल पाना बताया जा रहा है। बता दें कि सत्येंद्र जैन ने इसके लिए रेलवे मंत्री को भी पत्र लिखा था। अब उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने अगर कोयले का इंतजाम नहीं किया तो दिल्ली में बिजली संकट गहरा सकता है। ब्लैक आउट होने की भी संभावना है।