प्रतापगढ़ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को प्रतापगढ़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यूपी में सपा-बसपा गठबंधन पर हमला बोला । उन्होंने कहा कि अभी तक 4 चरणों के मतदान के बाद उत्तर प्रदेश के लोगों ने तय कर दिया है कि नतीजे क्या आने वाले हैं । अब पांचवें चरण से पहले अगर ये महामिलावटी लोग आपका ये उत्साह देख लेंगे तो शायद मैदान ही छोड़ देंगे । पीएम मोदी बोले- यूपी के लोगों ने जिस तरह ठान लिया है कि विकास के आगे उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है । इन महामिलावटी लोगों को समझ ही नहीं आ रहा है कि अब बचा हुआ चुनाव बचाने के लिए कौन सा खेल खेला जाए । उन्होंने कहा कि महागठबंधन की इस महामिलावट के इस पंजे के 5 भयानक खतरे हैं । पहला खतरा- भ्रष्टाचार , दूसरा खतरा - अस्थिरता , तीसरा खतरा - जातिवाद , चौथा खतरा - वंशवाद , पांचवा खतरा- कुशासन ।
पीएम मोदी ने कहा - महागठबंधन वालों ने जो-जो झूठ गढ़े थे वो सारे हवा हो चुके हैं । इसलिए अब गाहे-बगाहे ये अपनी सच्चाई खुद स्वीकारने लगे हैं । अब ये साफ हो चुका है कि समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के बहाने बहन मायावती का तो फायदा उठा लिया, लेकिन अब बहन जी को समझ आ गया है कि सपा और कांग्रेस ने बहुत बड़ा खेल खेला है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल तक कांग्रेस के नामदार कहते थे कि वो मोदी के प्रभाव से डरते हैं । अब वो कहने लगे हैं कि मोदी से तब तक नहीं जीत सकते, जब तक मोदी की मेहनत और मोदी की देशभक्ति पर दाग न लग जाए । वह बोली कि कल ही नामदार ने खुद स्वीकार किया है कि मोदी के खिलाफ पूरे अभियान का एक ही लक्ष्य है और वो है मोदी की छवी खराब करना । इन लोगों से जब कुछ नहीं हो सका तो वो मेरी छवि खराब करने की कोशिश में जुट गए हैं ।
पीएम मोदी बोले- जब देश सुरक्षित होता है तब विकास के द्वार खुलते हैं। हम रक्षा से जुड़े सामान, रेल से जुड़े सामान और खेती से जुड़े उद्योग को बढ़ावा दे रहे हैं। आंवला से जुड़े उद्योग को योगी सरकार एक जनपद, एक उत्पाद योजना के तहत प्रोत्साहित कर रही है । वह बोले - यूपी के लोगों को मजबूत भारत के लिए, मजबूत सरकार के अपने संकल्प पर अडिग रहना है। मजबूर और अवसरवाद की इस महामिलावट का पंजा बहुत खतरनाक है । बसपा के राज में ताजमहल सुरक्षित नहीं था। ताजमहल के तो सौदे होते थे। वहीं सपा के राज में बालू, बजरी और घर की टोंटी हो इन लोगों ने कुछ नहीं छोड़ा ।
मोदी बोले - आज सुबह ही में पढ़ रहा था कि नामदार के एक बिजनेस पार्टनर को कैसे रक्षा सौदों में शामिल किया गया था। नामदार के इस साथी पर रक्षा सौदों में मेहरबानी उस वक़्त दिखाई गयी जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी । अपनी इस मानसिकता के कारण ही विकास भी ये जाति और वोट बैंक के आधार पर करते हैं। याद करिए यूपी के किस इलाके में बिजली आए और किस इलाक में कटे ये तब जातीय समीकरण और वोट बैंक देखकर होता था ।
वह बोले - जाति का जोड़-तोड़ करने वालों को वोट मिलना चाहिए क्या? । कांग्रेस और उसके महामिलावटी साथी स्थिर और टिकाऊ सरकार दे ही नहीं सकते। आप लोगों को नहीं भूलना चाहिए कि केंद्र में अंतिम बार जब थर्ड फ्रंट की सरकार बनी थी तो वो दो साल से भी कम चल पाई थी। इसी छोटी अवधि में भी उसने दो प्रधानमंत्री देख लिए थे । चरण सिंह जी और चंद्रशेखर जी की सरकारें भी चल नहीं पाईं क्योंकि कांग्रेस ने कुछ समय के अंदर ही अपना समर्थन वापस ले लिया था। इसी तरह जब सपा-बसपा आखिरी बार साथ आए थे, तब उनकी सरकार दो साल भी नहीं चल पाई थी ।
ये इतने घबराए हुए, असुरक्षित और खोखले लोग होते हैं कि किसी दूसरे पर विश्वास नहीं करते। यही कारण है कि अपने ही परिवार के लोगों के पास पार्टी की कमान बराबर जकड़कर रखते हैं। जो चुनौती देता है उसको भगा दिया जाता है इन लोगों की चली तो ये लोग 21वीं सदी के नौजवानों का पूरा भविष्य भी अपने स्वार्थ के लिए चौपट कर देंगे। इन लोगों ने दलालों और बिचौलियों का ऐसा नेटवर्क खड़ा कर रखा था कि देश की रक्षा से जुड़े सामान में सबसे अधिक भ्रष्टाचार हुआ ।