नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के एक पब्लिक स्कूल से शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान इलाके में स्थित राबिया गर्ल्स फीस जमा नहीं कराने पर करीब 59 मासूम बच्चियों को स्कूल प्रशासन ने इस भीषण गर्मी में एक तहखाने में बंधक बनाकर रखा गया। स्कूल की छुट्टी होने पर जब परिजन बच्चों को लेने स्कूल पहुंचे तो इस बात का खुलासा हुआ। तहखाने में बंद बच्चियों का गर्मियों में भूख-प्यास से बुरा हाल था। अपने बच्चों की हालत देखकर परिजन गुस्से से लाल हो गए और स्कूल के बाहर जमकर हंगामा किया।
गौरतलब है कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। स्कूल के बाहर मौजूद परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने मासूमों को जबरन बंधक बनाने और जेजे एक्ट की धारा 75 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि बल्लीमारान इलाके के कासिम जान में राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल है। यहां नर्सरी से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। सोमवार सुबह जब स्कूल खुला तो सुबह नर्सरी और केजी कक्षा के अभिभावक अपने-अपने बच्चों को यहां छोड़ गए।
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यहां बता दें कि दोपहर को छुट्टी होने के बाद जब अभिभावक अपने बच्चों को लेने पहुंचे तो पता चला कि 59 बच्चियां अपनी कक्षा में नहीं थीं। स्कूल कर्मचारियों ने बताया कि फीस न चुकाने पर स्कूल की एचएम (हैड मिस्ट्रेस) फरह दीबा खान के कहने पर इन बच्चियों को स्कूल के तहखाने (बेसमेंट) में रखा हुआ है। परिजनों ने वहां पहंुचकर देखा कि बच्चों को जमीन पर बिठाया हुआ है और वहां कोई पंखा भी नहीं है। गुस्साए परिजनों ने जब एचएम से बातचीत करने का प्रयास किया तो उन्होंने बदतमीजी दिखाते हुए परिजनों को बाहर फिकवाने की बात कही।
गौर करने वाली बात है कि हेड मिस्ट्रेस का कहना था कि फीस जमा न करने वाले बच्चों को ही यहां रखा गया था। परिजनों की शिकायत है कि कुछ बच्चों की एडवांस फीस जमा होने के बाद भी उन्हें यहां बिठाकर रखा गया। पुलिस ने मामले की छानबीन करने के बाद जांच शुरू कर दी है। स्कूल प्रशासन ने अपनी सफाई में कहा कि जहां बच्चों को रखा गया था वह तहखाना नहीं एक्टिविटी रूम है और वहां हवा और लाइट की व्यवस्था है लेकिन बच्चियों को वहां क्यों रखा गया, इस पर स्कूल प्रशासन कोई जवाब नहीं दे पाया।