लखनऊ। उत्तरप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगला खाली करने का मामला पिछले दिनों काफी चर्चा में रहा था। खासकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बंगले में हुई तोड़फोड़ को लेकर काफी राजनीति भी हुई थी। अब पीडब्लूडी ने बंगले को खाली करने के दौरान हुई तोड़फोड़ और उससे हुए नुकसान की रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य रूप से टाइल्स, सेनेट्री और इलेक्ट्रिक वायरिंग के काम का नुकसान हुआ है। इस नुकसान की कुल कीमत 10 लाख रुपये आंकी गई है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करना पड़ा था। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बंगले को खाली करने के बाद सरकार के कई मंत्रियों ने आरोप लगाए थे कि उन्होंने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। यहां तक की बाथरूम में लगी टूंटी को भी उखाड़ ले जाने का आरोप उनपर लगा था। इस बात को लेकर अखिलेश यादव ने मीडिया के सामने सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने बंगले में किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है और वहां से वे सिर्फ अपना सामान ही लेकर गए हैं। इसके बाद उन्होंने कहा था कि अगर सरकार को लगता है कि बाथरूम से टूंटी निकाली गई है तो वे सरकार को वापस करने के लिए तैयार हैं।
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यहां बता दें कि अब पीडब्लूडी विभाग ने बंगले में हुए नुकसान की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। पीडब्लूडी विभाग का कहना है कि बंगला खाली करने के दौरान मुख्य रूप से टाइल्स, सेनेट्री और वायरिंग को नुकसान पहुंचाया गया है और इस नुकसान की कीमत करीब 10 लाख रुपये बताया गया है। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता एके शर्मा ने रिपोर्ट राज्य संपत्ति अधिकारी को भेज दी है। 266 पेज की इस रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश को मिले बंगले का ग्राउंड फ्लोर ही स्वीकृत था।
पीडब्लूडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्राउंड फ्लोर की स्वीकृति के बाद अखिलेश यादव ने पहली मंजिल का निर्माण खुद की करवाया। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाथरूम से टाॅयलेट शीट भी उखड़ी हुई मिली है।