नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार यूपी की अमेठी सीट के साथ केरल की वायनाड सीट से भी लोकसभा चुनावों में खड़े हुए हैं। एक समय खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष का नेता और पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करने वाले राहुल गांधी के दो सीटों से चुनाव लड़ने का कारण राजनीति के जानकार अमेठी में इस बार उन्हें मिलने वाली कड़ी चुनौती को बता रहे हैं। हालांकि सोमवार को एनडीए ने केरल की वायनाड सीट से अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि इस सीट से एनडीए के उम्मीदवार भारत धर्म जन सेना के प्रमुख तुषार वेल्लापल्ली होंगे। वहीं अमेठी से उनके सामने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मैदान में होंगी , जो इस बार उन्हें कड़ी टक्कर देती नजर आ रही हैं। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि खुद राहुल गांधी को इसका एहसास हो गया है, जिसके चलते वह इस बार कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाली अमेठी सीट पर भरोसा न जताते हुए केरल की ओर रुख कर बैठे हैं।
अमेठी में मिलेगी कड़ी चुनौती
बता दें कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी को 4,08,650 वोट मिले थे, उन्होंने भाजपा की स्मृति ईरानी को 1,07,903 वोटों से हराया था। उस दौरान स्मृति ईरानी को 3,00,747 मत प्राप्त हुए थे, जिसे बहुत कम समय में चुनाव प्रचार के बाद बहुत शानदार प्रदर्शन कहा गया था। अब पिछले 5 सालों में स्मृति ईरानी लगातार अमेठी के दौरे करती रहीं हैं, जबकि पिछले दिनों अमेठी में राहुल गांधी लापता के भी पोस्टर कुछ लोगों ने लगा दिए थे। इस सब के बाद अब पांच साल मोदी सरकार के कामकाज और स्मृति ईरानी के लगातार दौरों ने अमेठी की स्थिति को बदल दिया है। यह बात तय है कि इस बार इस सीट से राहुल गांधी का जीतना उतना आसान नहीं होगा, जितना पिछले 15 सालों में होता आया है।
अमित शाह ने कहा था तंज
यूपी के बिजनौर में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा ''राहुल गांधी केरल की ओर भागे हैं, अमेठी की ओर नहीं। सबको मालूम है कि अमेठी में इस बार उनका हिसाब—किताब चुकता होने वाला है।'' भाजपा जहां पिछले 15 साल से सांसद राहुल पर अमेठी के विकास पर ध्यान ना देने का आरोप लगाकर उनकी नाकामियां गिना रही है, वहीं कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने पिछले पांच साल में अमेठी को कुछ देने के बजाय उससे काफी कुछ छीना ही है।
पिछली बार 15 दिन की तैयारी के बाद उतरी थी स्मृति ईरानी
अमेठी लोकसभा क्षेत्र के भाजपा संयोजक राजेश अग्रहरि का कहना है कि राहुल गांधी इस बार चुनाव हार जाएंगे। पिछली बार 15 दिन की तैयारी में ही भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। इस बार तो स्मृति ने पांच साल काम किया है। अमेठी के लोगों का जीवन आसान हुआ है। दूसरी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कोई भी सत्ता विरोधी लहर में घेर नहीं पा रहा है। 'मोदी सरकार की उपलब्धियों और भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी के लगातार काम और 41 दौरों के बलबूते हम जनता के बीच जा रहे हैं। कांग्रेस के प्रति अमेठी की धारणा पूरी तरह बदल चुकी है। अमेठी के लिये फूड पार्क, पेपर मिल और नेटिव परियोजनाएं शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने अमेठी को कुछ देने के बजाय, जो था वह भी छीन लिया।