नई दिल्ली। उत्तरपूर्वी राज्य असम में चल रहे नेशनल रजिस्टर सिटीजंस (एनआरसी) पर हो रही बहस के बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने एक बड़ा बयान दिया है। ‘‘एनआरसी- डिफेंडिंग द बॉर्डर्स, सिक्योरिंग द कल्चर’’ विषय पर आयोजित एक सेमिनार में राम माधव ने कहा कि एनआरसी की अंतिम सूची में जिनका नाम शामिल नहीं है उनके मताधिकार को छीन लिया जाएगा। इस सेमिनार में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद थे। असम के मुख्यमंत्री ने एनआरसी को पूरे देश में लागू करने का सुझाव दिया है।
गौरतलब है कि असम में चल रहे एनआरसी को लेकर पूरे देश में एक बहस छिड़ी हुई है। आपको बता दें कि पिछले दिनों एनआरसी के दूसरे ड्राफ्ट में करीब 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं हो पाए थे। इस बात को लेकर राजनीतिक हमला करते हुए तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी पर देश को बांटने का आरोप लगाया था और कहा था कि ऐसा होने से देश में गृहयुद्ध हो सकता है।
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यहां बता दें कि सेमिनार को संबोधित करते हुए राम माधव ने कहा कि 1985 में हुए ‘‘असम समझौते’’ के तहत एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है, जिसके तहत सरकार ने राज्य के सभी अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी। सेमिनार को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत के वास्तविक नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए पर्याप्त अवसर मिलेगा और एनआरसी की अंतिम सूची में उनके नाम शामिल होंगे। सोनोवाल ने पूरे देश में एनआरसी को लागू करने का सुझाव दिया है।