नई दिल्ली। राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष डाॅक्टर रामविलास वेदांती ने सोमवार को राम मंदिर निर्माण से जुड़ा एक और बयान दिया है। भाजपा के पूर्व सांसद ने कहा कि सरकार मंदिर निर्माण के लिए संसद में अध्यादेश नहीं ला सकती है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण आपसी सहमति से ही किया जाएगा। डाॅक्टर वेदांती ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी और अन्य साधु संतों के द्वारा एक मसौदा तैयार किया गया है जिसके तहत रामलला जहां विराजमान हैं वहां भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा और मस्जिद का निर्माण लखनऊ में किया जाएगा।
गौरतलब करने वाली बात है कि भाजपा के पूर्व सांसद और राज जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष कई बार राम मंदिर को लेकर अलग-अलग बयान दे चुके हैं। उनके हालिया बयान के अनुसार मामला जब तक कोर्ट में है सरकार इसपर कोई अध्यादेश नहीं ला सकती है। उन्होंने कहा कि कोर्ट से फैसला हो जाने के बाद ही सरकार इसके लिए संसद में कानून बना सकती है। बता दें कि देशभर के साधु-संत यूपी में योगी आदित्यनाथ और केंद्र में पीएम मोदी पर इस बात का दवाब बना रहे हैं कि जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू कराया जाए, चाहे इसके लिए संसद में अध्यादेश ही क्यों न लाना पड़े।
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यहां बता दें कि बाबरी एक्शन कमेटी ने संसद में अध्यादेश लाने की सूरत में सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की बात कही है। अब राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष डाॅक्टर राम विलास वेदांती आपसी सहमति का राग अलापने लगे हैं। आज उन्होंने कहा कि अयोध्या के साधु संत और शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने मिलकर मसौदा तैयार किया है। इसके तहत अयोध्या में भव्यराम मंदिर का निर्माण होगा वहीं लखनऊ में मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। यह मस्जिद इस्लाम के नाम पर होगा। वेदांती ने माना कि मामले का कोर्ट से निपटारा होने के बाद ही सरकार सदन में अध्यादेश ला सकती है।