नई दिल्ली। ‘कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे...’ जैसे अविस्मरणीय गीत की रचना करने वाले कवि गोपालदास नीरज का देर शाम निधन हो गया। बताया जा रहा है कि गोपाल दास नीरज की तबीयत काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज आगरा के एम्स में चल रहा था। गुरुवार की शाम को सांस लेने में तकलीफ की वजह से 93 साल की आयु में उनका निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी गोपालदास नीरज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी है।
गौरतलब है कि गोपालदास के परिजनों का कहना है कि उनके पार्थिव शरीर को शुक्रवार को एम्स में ही रखा जाएगा। शनिवार को उनके शरीर को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उसके बाद नीरज जी के शरीर को अलीगढ़ के एक मेडिकल काॅलेज को दे दिया जाएगा, क्योंकि गोपालदास अपने देहांत से पहले ही अपना शरीर मेडिकल काॅलेज को दान कर चुके थे। अगर देहदान किसी तकनीकी या मेडिकल वजह से नहीं हो सका तो अंतिम संस्कार अलीगढ़ में ही होगा।
ये भी पढ़ें - कल से ट्रक और बस आॅपरेटर्स की स्ट्राइक, शहरों में जरूरी खाद्य सामग्री की आपूर्ति पर पड़ेगा असर
यहां बता दें कि गोपालदास नीरज के देहांत पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य जगत को उनक जाने से अपूरणीय क्षति हुई है। गौर करने वाली बात है कि गोपालदास नीरज ने हिन्दी सिनेमा के लिए भी कई लोकप्रिय गीत लिखे थे। फिल्म मेरा नाम जोकर का मशहूर गीत, ‘‘ऐ भाई जरा देख के चलो...’’ उन्होंने ही लिखा था।
गोपाल दास नीरज को उनकी साहित्य में योगदान के लिए पद्मश्री और पद्मभूषण से भी नवाजा गया था।