पटना । बिहार के पूर्व उप-मख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव के सरकारी बंगले 5 देशरत्न मार्ग को खाली कराने के लिए बुधवार सुबह जिला प्रशासन की एक टीम उनके सरकारी आवास पर पहुंची। यह बंगला उन्हें उस समय आवंटित हुआ था जब वह महागठबंधन की सरकार में उपमुख्यमंत्री थे , लेकिन उनकी सरकार गिरने के बाद उन्हें बंगला खाली करने के निर्देश दिए गए थे, जिसे उन्होंने कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा बंगला खाली कराने के आदेश के बाद जब जिला प्रशासन की एक टीम जबरन उनका बंगला खाली कराने के लिए पहुंची तो बंगले के गेट पर एक नोटिस चस्पा था, जिसपर मामला हाईकोर्ट की डबल बैंच में लंबित होने की बात कहते हुए किसी भी कार्रवाई के न किए जाने की दलील दी गई । गेट पर चस्पा नोटिस को देखने के बाद जिला प्रशासन की टीम रुक गई है। हालांकि इस सब के बीच राजद विधायकों का एक बड़ा दल बंगले के बाहर सरकार के विरोध में नारेबाजी करने में जुट गया है। उनका कहना है कि जब मामला कोर्ट में है तो नीतीश सरकार को थोड़ा इंतजार करना चाहिए। उन्हें जल्दबाजी किस बात की है।
यही है वो जासूसी वाला बंगलाबता दें कि तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों सीएम नीतीश कुमार पर अपने बंगले में एक सीसीटीवी कैमरा लगाकर उनके इस बंगले की निगरानी किए जाने का आरोप लगाया था। असल में यह बंगला उन्हें डिप्टी सीएम बनने पर भवन निर्माण विभाग की ओर से आवंटित हुआ था लेकिन उनकी गठबंधन सरकार गिरने के बाद उन्हें यह बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया था लेकिन वह इस नोटिस को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट पहुंच गए थे।
सिंगल बेंच ने खाली करने का दिया आदेश
हाईकोर्ट में सिंगल बेंच ने तेजस्वी यादव को बंगला खाली करने का आदेश दिया, जिसके बाद तेजस्वी ने सिंगल बेंच के आदेश को डबल बेंच के आगे चुनौती दे डाली है। इससे संबंधी एक नोटिस उन्होंने बुधवार को अपने घर के गेट पर चस्पा भी कर दिया, जिसमें जिला प्रशासन द्वारा बंगला खाली कराने संबंधी कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की बात लिखी गई है। पत्र में लिखा है कि क्योंकि मामला अभी कोर्ट में लंबित है इसलिए अभी कार्रवाई न की जाए।
जिला प्रशासन टीम रुकी
इस सब के बीच बुधवार को जिला प्रशासन की जो टीम बंगला खाली कराने के लिए पहुंची थी, वह अभी रुक गई है। बताया जा रहा है कि अभी तेजस्वी यादव दिल्ली में मौजूद है और शाम तक पटना लौट सकते हैं। वहीं इस मामले में तेजस्वी यादव की ओर से चस्पा नोटिस के बाद फिलहाल जिला प्रशासन की टीम ने लौटने का मन बना लिया है।
क्या है तेजस्वी का तर्क
बता दें कि इस पूरे मामले में तेजस्वी यादव का तर्क है कि पूर्व में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को जो बंगला आवंटित हुआ था वह उस बंगले में काफी समय तक रहे थे। ऐसे में उन्हें भी इस बंगले में रहने की अनुमति मिलनी चाहिए। जबकि भवन निर्माण विभाग की ओर से अब ये बंगला वर्तमान में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आवंटित कर दिया गया है। जिसका तेजस्वी यादव विरोध कर रहे हैं।