नई दिल्ली। पाकिस्तान पोषित आतंकवाद के विरोध में बांग्लादेश और अफगानिस्तान ने इस साल सार्क सम्मेलन में शरीक नहीं होने का फैसला किया है। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सालाना बैठक से इतर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सार्क देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। इस दौरान सुषमा स्वराज ने सार्क सम्मेलन पर मंडरा रहे संकट का जिक्र नहीं किया। हालांकि, उन्होंने आतंकवाद को खत्म करने की प्राथमिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, क्षेत्रीय समृद्धि, संपर्क और सहयोग केवल शांति और सुरक्षा के माहौल में ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति को भंग करने वाले खतरे बढ़ रहे हैं। हम सबके लिए यह आवश्यक है कि आतंक के सभी रूपों का खात्मा किया जाए और इसमें को अंतर न जाए।
इस मंत्रिस्तरीय बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने इस बात की सहमति जताई कि जब तक स्थिति नहीं सुधरती है, पाकिस्तान को सार्क बैठक की मेजबानी नहीं करनी चाहिए।
बता दें कि पिछले साल भी सार्क देशों की मेजबानी करने का मौका मिला था लेकिन उस दौरान भारत ने उस समिट में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया था। उसके बाद बांग्लादेश, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने का मुद्दा उठाते हुए सार्क बैठक से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद सार्क बैठक को रद्द कर दिया गया था। एस बार फिर वहीं स्थिति नजर आ रही है। नवंबर में एक बार फिर सार्क बैठक होनी है, लेकिन इससे पहले एक बार फिर बांग्लादेश और अफगानिस्तान ने इस साल सार्क सम्मेलन में शरीक नहीं होने का फैसला किया है।