Thursday, May 2, 2024

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LIVE - सुप्रीमकोर्ट के फैसले से भड़के साधु-संत , बोले- मोदी सरकार 1 माह में राममंदिर निर्माण पर अध्यादेश लाए, हम देखेंगे कौन करता है विरोध

अंग्वाल न्यूज डेस्क
LIVE - सुप्रीमकोर्ट के फैसले से भड़के साधु-संत , बोले- मोदी सरकार 1 माह में राममंदिर निर्माण पर अध्यादेश लाए, हम देखेंगे कौन करता है विरोध

नई दिल्ली/लखनऊ । अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फैसले से देश के साधु-संत भड़क गए हैं। संत समाज का कहना है कि कोर्ट को सोमवार के दिन अपनी रोज की सुनवाई के मुद्दे पर फैसला लेना था, लेकिन कोर्ट ने जनवरी 2019 की नई तारीख देकर इस मामले को राजनीति से जोड़ दिया है। इस दौरान संत धरमदास ने कहा कि कोर्ट को इस मामले को राजनीति के तहत नहीं देखना चाहिए था। आखिर कोर्ट ने मुद्दे पर सुनवाई किए बिना इसे चुनावों के करीब की तारीख क्यों दी। वहीं इस मुद्दे को लेकर पहले भी आमरण अनशन पर बैठ चुके महंत परहंस दास ने कहा कि अगर सरकार 1 महीने के भीतर राम मंदिर मुद्दे पर अध्यादेश नहीं लाती तो उसे आने वाले चुनावों में इसके परिणाम भुगतने पड़ेगे। भाजपा भी इस मुद्दे को भुना रही है। महंत परहंस दास ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द कोई फैसला नहीं लिया तो मैं आत्महत्या करूंगा।

सरकार खुद लटकाना चाहती है मुद्दा

महंत परहंस दास ने इस दौरान कहा कि मोदी सरकार को इस मुद्दे पर 1 माह के भीतर राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाना चाहिए। जब सरकार एससी-एसटी एक्ट के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश लाकर बदल सकती है तो राममंदिर मुद्दे पर अलग रुख क्यों है। उन्होंने मोदी सरकार पर कटाक्ष मारते हुए कहा कि सरकार खुद मुद्दे को लटकाना चाहती है और एक बार आचार संहिता लागू हो जाने पर कहेगी कि अब कुछ नहीं किया जा सकता। लेकिन भाजपा इस बात की गांठ बांध ले कि अगर उसने 1 माह के भीतर राममंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश नहीं लाया, तो उसे लोकसभा चुनावों में देश के साधु-संत मजा चखाएंगे।

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अध्यादेश लाओ- हम देखेंगे कौन विरोधी है


इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार को अध्यादेश लाकर लोकसभा और राज्यसभा में पेश करके पास करवाना चाहिए। फिर हम देखेंगे कि आखिर कौन है जो राममंदिर के निर्माण की राह में रोड़ा अटका रहा है। इसी क्रम में हिंदू महासभा के वकील ने कहा कि इस मुद्दे पर आज कोई सुनवाईआ नहीं हुई। जजों की पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई अब जनवरी 2019 को करेंगे। उस तारीख को तय होगा कि कोर्ट में रोज सुनवाई होगी या नहीं।

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मोदी-योगी के फैसले का इंतजार नहीं

इस दौरान संत धरमदास के साथ मौजूद अन्य संतों ने हुंकार भरी कि अब वे अपने रामलला के मंदिर निर्माण को लेकर मोदी और योगी सरकार के किसी फैसले का इंतजार नहीं करेंगे। अब वे खुद ही मंदिर निर्माण के लिए अपना रूपरेखा तैयार करेंगे। इसके साथ ही संत धरमदास ने कहा कि न्याय के साथ खिलवाड़ हो रहा है, कोर्ट को रोज सुनवाई करनी चाहिए थी। देरी करने का कोई मतलब नहीं बनता। हम कोर्ट का फैसले से खुश नहीं है। कोर्ट ने चुनाव देखते हुए तारीखों को आगे बढ़ा दिया है।

 

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