नई दिल्ली। एसबीआई में विलय हो चुके एसोसिएट बैंकों के 70 हजार कर्मचारी नाखुश चल रहे हैं। दरअसल नोटबंदी के दौरान इन कर्मचारियों से जमकर काम कराया गया था। कर्मचारियों से वादा किया था कि ओवरटाइम दिया जाएगा। कर्मचारियों और अधिकारियों को ओवरटाइम के लिए अतिरिक्त भुगतान किया भी गया, लेकिन अब एबीआई प्रबंधन ने उन सभी कर्मचारियों से अतिरिक्त भुगतान को वापस करने का कहा है जो एसोसिएट बैंक के हैं। 8 नवंबर 2016 को लागू किए नोटबंदी से बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा था। कर्मचारियों और अधिकारियों को 3 से 8 घंटे तक ओवरटाइम करना पड़ा था। नोटबंदी के दौरान किए गए ओवरटाइम के लिए अतिरिक्त भुगतान किया गया था। अब एसबीआई उन पांच बैंकों के कर्मचारियों से पैसे वापस लेना चाहती है जिनका पिछले साल एसबीआई में मर्जर हुआ था। एसबीआई ने निर्देश दिया है कि उन कर्मचारियों से अतिरिक्त भुगतान वापस लिए जाएं जो पहले स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर , स्टेट बैंक आॅफ हैदराबाद, स्टेट बैंक आॅफ पटियाला , स्टेट बैंक आॅफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक आॅफ मैसूर में काम करते थे। गौरतलब है कि बैंक कर्मचारियों को 17 हजार और अधिकारियों को 30 हजार का अतिरिक्त भुगतान किया गया था। एसबीआई ने अपने सभी जोनल हेडक्वार्टर को पत्र लिखा है कि वो केवल अपने कर्मचारियों के भुगतान के प्रति उत्तरदायी है। पूर्व एसोसिएट बैंक के कर्मचारियों से अतिरिक्त भुगतान की राशि वापस ली जाए क्योंकि नोटबंदी के समय एसोसिएट बैंक का विलय एसबीआई में नहीं हुआ था।