नई दिल्ली । जम्मू कश्मीर के बड़े अलगाववादी नेताओं में शुमार सैयद अली शाह गिलानी ने सोमवार को हुर्रियत कॉफ्रेंस से इस्तीफा दे दिया है । गिलानी ने अपने इस फैसले से संबंधित एक लेटर जारी करने के साथ ही एक ऑडियो संदेश भी जारी किया है। सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि उन्होंने हुर्रियत से खुद को दूर कर लिया है। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा ऐतिहासिक फैसला लेते हुए गत वर्ष जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्य घोषित किया था , जिसके बाद लंबे समय तक कई अलगाववादी नेताओं को नजरबंद रखा गया था । इस सबके बाद अब गिलानी का हुर्रियत से अलग होना एक बड़ा घटनाक्रम है ।
उन्होंने अपने संदेश में कहा - वर्तमान स्थिति को देखते हुए, मैं ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा देता हूं । मैंने हुर्रियत के सभी घटकों को फैसले के बारे में सूचित कर दिया है।" 90 साल के सैयद अली शाह गिलानी कई सालों से घर के भीतर नजरबंद हैं और पिछले कुछ महीनों से उनकी तबीयत बहुत नाजुक बताई जा रही है ।
अपने ऑडियो संदेश में उन्होंने कहा है कि मौजूदा हालात में मैं आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस से इस्तीफा देता हूं । मैने हुर्रियत के सभी घटक दलों को भी अपने फैसले से अवगत करा दिया है ।