Tuesday, May 7, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

चीन के साथ सीमा विवाद पर इस बार पीछे नहीं हटेगी भारतीय सेना, पीछे हटने से हो सकता है सुरक्षा को खतरा

अंग्वाल न्यूज डेस्क
चीन के साथ सीमा विवाद पर इस बार पीछे नहीं हटेगी भारतीय सेना, पीछे हटने से हो सकता है सुरक्षा को खतरा

नई दिल्ली।

सिक्किम से सटी सीमा पर चीन के साथ पिछले 20 दिनों से जारी गतिरोध और चीन द्वारा पीछे हटने की चेतावनी के बावजूद भारतीय सेना इस ​इलाके से पीछे हटने को तैयार नहीं है। दरअसल, यहां से पीछे हटने पर भारत की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसलिए भारतीय सैनिक सिक्किम-तिब्बत-भूटान तिराहे के नजदीक रणनीतिक रुप से अहम जमीन की सुरक्षा के लिए खुदाई कर रहे हैं। जिस इलाके में यह खुदाई चल रही है वह इलाका जल विद्युत परियोजना झलोंग से महज 30 किलोमीटर दूर है, जो भूटान की सीमा से लगा हुआ है। यह जल विद्युत परियोजना झलोंग की जलढाका नदी पर स्थित है। जलढाका तोर्षा नदी के साथ ब्रह्मपुत्र नदी में गिरती है।

बता दें कि भूटान के डोक ला में चीनी सेना सड़क निर्माण कर रही है, इस सड़क के निर्माण को भारत ने रोक दिया है, क्योंकि अगर यह सड़क बन जाती है, तो चीनी सेना के इस प्रोजेक्ट से इस जल विद्युत परियोजना पर खतरा मंडरा सकता है। इतना ही नहीं भारतीय सेना के पीछे न हटने के ​कई अन्य कारण भी हैं।

पूर्वोत्तर के साथ संपर्क कट सकता है

जानकारों के अनुसार, अगर चीन इस इलाके पर कब्जा करने में सफल हो जाता है, तो सिलीगुड़ी कॉरिडोर और सिलीगुड़ी की स्थिति रणनीतिक रूप से संवेदनशील हो जाएगी। इससे चीनी सैनिक पूरी तरह से भारतीय इलाके में घुस आएंगे। असम की तरफ जाने वाली सड़क भी इलाके की संकरी रेखा से गुजरती है। यह पश्चिम बंगाल को उत्तर-पूर्व से जोड़ती है। इस पर आने वाला कोई भी खतरा बागडोगरा से गुवाहाटी तक के इलाके के सतही संपर्क को खत्म कर सकता है। भारत इस जोखिम को उठाने को तैयार नहीं है।


बौखलाया है चीन

भारत की इस क्षेत्र में मौजूदगी से चीन बौखलाया हुआ है। चीनी मीडिया लगातार भारत के खिलाफ युद्ध की धमकी दे रहा है। हाल ही में चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में भारत को सबक सिखाने और सिक्किम की आजादी की मांग को समर्थन दिए जाने की अपील की गई थी।

शी—मोदी की मुलाकात रद्द

जर्मनी के हैम्बर्ग में होने वाली जी-20 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होने वाली संभावित बातचीत रद्द हो चुकी है। चीन ने मुलाकात रद्द करते हुए कहा कि अभी दोनों देशों के बीच माहौल ठीक नहीं है, इसलिए अभी मुलाकात नहीं  हो सकती। भारत का  इस मामले में कहना है कि पहले से  ऐसी कोई बातचीत तय नहीं थी, तो उसे रद्द करने का सवाल ही नही उठता।

 

Todays Beets: