नई दिल्ली। देश भर में लगातार भीड़ द्वारा की जा रही हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। कोर्ट ने सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल और इसके द्वारा फैलाई जा रही अफवाह पर भी अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि भीड़ के द्वारा लोगों की हत्या कर दी जा रही है और किसी को इसकी चिंता ही नहीं है! बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायामूर्ति मदन बी लोकुर और यूयू ललित की पीठ ने सोशल मीडिया पर यौन अपराध के वीडियो को ब्लाॅक करने की याचिका पर सुनवाई करने के दौरान यह टिप्पणी दी है।
गौरतलब है कि न्यायालय की पीठ ने कहा कि सोशल मीडिया पर इन दिनों कई तरह की अफवाहों को फैलाया जा रहा है लेकिन किसी को इसकी फिक्र नहीं है। यहां बता दें कि यौन अपराध के वीडियो को ब्लाॅक करने के मामले की सुनवाई के दौरान गूगल, याहू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन इंडिया प्राईवेट लिमिटेड, फेसबुक आयरलैंड लिमिटेड और व्हाट्सएप की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि इस मामले की प्रगति रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। कंपनियों के वकील ने कहा कि सरकार ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया।
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यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट हैदराबाद के एक एनजीओ से मिले रेप के 2 वीडियो पर सुनवाई करने के बाद स्वतः संज्ञान लेते हुए सीबीआई से जांच कराने की बात कही थी। गौर करने वाली बात है कि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने 17 जुलाई को ही कहा था कि भीड़ द्वारा कानून को हाथ में लेने का कोई अधिकार नहीं है। पीठ ने संसद को माॅब लिंचिंग पर सख्त कानून बनाने को कहा था।