नई दिल्ली। देश में गौरक्षकों द्वारा किए जाने वाले हमलों पर लगातार हो रही बढ़ोतरी पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह जल्द ही इसके लिए एक विस्तृत आदेश जारी करेगा। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि गौरक्षा के नाम पर कहीं भी हिंसा हो ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे कानून हो या न हो किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का कोई हक नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ये राज्यों का दायित्व है कि वो इस तरह की वारदातें ना होने दे।
गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में कथित गौरक्षकों के द्वारा पशुपालकों की पिटाई की जा रही है। यहां बता दें कि पिछले साल सितंबर में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा रुकनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि घटना होने से पहले ही उसकी रोकथाम के उपाय किए जाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गौरक्षकों से निपटने के लिए हर राज्य में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए और उसे घटना होने पर उचित कार्रवाई करने का अधिकार भी होना चाहिए।
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यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिवों को डीजीपी के साथ मिलकर हाईवे पर पेट्रोलिंग करने की रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए थे। गौर करने वाली बात है कि तुषार गांधी और तहसीन पूनावाला द्वारा दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने बताया कि अब तक कुल 66 मामले दर्ज हो चुके हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन दिनों अलग-अलग राज्यों में बच्चा चोरी का मामला भी जोरों पर है। इस मामले पर भी संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि लोगों को अफवाहों पर ध्यान देने से बचना चाहिए।