श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 35 ए को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई टाल दी गई है। इस सुनवाई के मद्देनजर पूरे प्रदेश में स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। अनुच्छेद 35 ए को राज्य से हटाए जाने के विरोध में अलगाववादी नेताओं ने शुक्रवार को घाटी में बंद का आह्वान किया है। अलगाववादी नेताओं द्वारा बुला गए बंद का पूरी घाटी में असर दिख रहा है। बाजार में कहीं भी चहल-पहल नहीं दिख रही है, सभी दुकानें बंद कर दी गई हैं। ताजा जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई जनवरी 2019 तक टाल दी गई है।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 35ए की वजह से वहां दूसरे राज्य का कोई भी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता है और न ही वहां कोई बस सकता है। बताया जा रहा है कि मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि अनुच्छेद 35ए को 1951 में लागू किया गया था लेकिन इसे अब चुनौती क्यों दी जा रही है?
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यहां बता दें कि इस अनुच्छेद को राज्य से हटाए जाने के विरोध में अलगाववादी नेताओं ने घाटी में बंद का आह्वान किया है। बंद के दौरान हालात को नियंत्रण में रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। गौर करने वाली बात है कि आतंकवादियों द्वारा प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पुलिसकर्मियों के परिजनों को अगवा करने के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण है। हालांकि सुरक्षाबलों ने पूरी घाटी में सर्च आॅपरेशन तेज कर दिया है ताकि अगवा किए गए लोगों को जल्द से जल्द छुड़ाया जा सके। सुरक्षाबलों ने राज्य में सक्रिय 10 टाॅप आतंकियों की सूची तैयार कर ली है इसमें हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर के कई आतंकी शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।