नई दिल्ली । भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को ऐलान किया कि 3 साल पहले इराक के मोसुल में लापता हुए 39 भारतीय मारे गए हैं। राज्यसभा में इस बात की जानकारी देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हमने इस मामले में पूरी तफ्तीश से जानकारी जुटाई, जिसके बाद काफी दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इराक में काम के लिए गए 39 भारतीय मारे गए हैं। सभी भारतीयों को ISIS ने मार डाला था, इसके बाद इनके शवों को बगदाद भेज दिया गया था। हमने DNA सैंपल के जरिए सभी शवों की जांच करवाई। इसके बाद ही अब जाकर हम उनके मारे जाने की बात कह रहे हैं।
सुषमा स्वराज ने कहा कि इस सब के बीच उनको काम के लिए इराक ले जाने वाले हरजीत मसीह ने कहानी बताई थी वो कहानी झूठी निकली। हमें जो 39 शव मिले, उनमें से 38 के डीएनए मैच कर लिए गए हैं, जिनके काम के लिए इराक गए कामगारों के होने की पुष्टि हुई है। सुषमा ने बताया कि हमने पहाड़ की खुदवाई करने के बाद शवों को निकाला था, जनरल वीके सिंह वहां पर गए और सबूतों को खोजने में मेहनत की। उन्होंने बताया कि सबसे पहले संदीप नाम के शख्स का डीएनए मैच किया गया था।
विदेश मंत्री ने इस दौरान बताया कि वीके सिंह इराक जाएंगे, सभी शवों को लाया जाएगा। सबसे पहले जहाज अमृतसर जाएगा और उसके बाद पटना, पश्चिम बंगाल जाएगा. सुषमा ने राज्यसभा में बताया कि डीप पेनिट्रेशन रडार के जरिए बॉडी को देखा गया था, उसके बाद सभी शवों को बाहर निकाला गया।