पटना। एनडीए के सहयोगी दलों के बीच ‘आॅल इज वेल’ नहीं है और इसका फायदा उठाने के लिए विपक्षी दलों ने अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं। बिहार में खुद को एनडीए का एकमात्र चेहरा बताने वाले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा दी गई इफ्तार पार्टी में शामिल न होकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। बता दें कि कुशवाहा इससे पहले भी रामविलास पासवान द्वारा दी गई पार्टी में भी शामिल नहीं हुए थे। अब उनकी नाराजगी का फायदा उठाते हुए राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उन्हें महागठबंधन में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।
गौरतलब है कि बिहार में महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। दोनों ही नेताओं ने भाजपा को हराने के लिए अन्य दलों के लिए भी दरवाजे खुले रखने पर सहमति जताई है। तेजस्वी और राहुल की मुलाकात के बाद इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पार्टियां ऐसे कुछ राजनीतिक क्षत्रपों को भी समर्थन दे सकती हैं जो भाजपा को सीधी टक्कर देने की हैसियत रखता हो। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि राज्य में जातीय समीकरणों के सही तालमेल के लिए कांग्रेस इस महीने के अंत में कांग्रेस बिहार में किसी उच्च जाति के व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।
ये भी पढ़ें - गोवा कांग्रेस के नेता शांताराम नाईक का निधन, कल किया जाएगा अंतिम संस्कार
यहां गौर करने वाली बात है कि उपेन्द्र कुशवाहा के इफ्तार पार्टी में शामिल न होने पर पार्टी नेताओं का कहना है कि उन्हें निमंत्रण नहीं मिला था। उनकी पार्टी की ओर इफ्तार पार्टी में सुधांशु शंकर शामिल हुए। वहीं राजद नेता तेजस्वी ने कहा है कि कुशवाहा की अब एनडीए में कोई जगह नहीं है। उनका कई मुद्दों पर मतभेद है।