नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा हमले के साथ बर्बरता भी जारी है। आतंकियों ने पुलवामा से अगवा किए गए पुंछ के जवान की हत्या कर दी है। पुंछ के रहने वाले औरंगजेब ईद की छुट्टियां परिवारवालों के साथ मनाने के लिए घर जा रहा था। आतंकियों ने रास्ते में उसकी गाड़ी रोककर गुरुवार को उसे अगवा कर लिया था। इसके साथ ही आतंकियों ने राइजिंग कश्मीर अखबार के संपादक शुजात बुखारी की भी हत्या कर दी है। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने इससे पहले भी शुजात बुखारी पर कई बार हमले किए थे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुजात बुखारी की हत्या पर दुख व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी को भी आतंकियों ने 1996 और 2006 में अगवा कर लिया था। 1996 में तो उन्हें 19 पत्रकारों के साथ 7 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया था। बता दें कि 2006 में बंधक बनाकर उन्हें मारने की कोशिश की गई थी लेकिन बंदूक जाम होने की वजह से उनकी जान बच गई थी। शुजात बुखारी पर लगातार हमले के बाद उन्हें साल 2000 में सुरक्षा भी मुहैया कराई गई थी। गुरुवार देर शाम प्रेस इन्क्लेव के पास उनकी गाड़ी को घेरकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें मौके पर ही उनकी मौत हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट कर कहा कि वह इस घटना से हतप्रभ हैं। दुख की इस घड़ी में परिवार वालों को शक्ति प्रदान करें।
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यहां बता दें कि शुजात बुखारी के बड़े भाई सईद बशारत बुखारी पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में कानून मंत्री हैं। शुजात बुखारी के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। शुजात बुखारी ‘राइजिंग कश्मीर’ के अलावा कश्मीरी भाषा के अखबार संगरमाल और उर्दू दैनिक ‘बुलंद कश्मीर’ के संपादक और प्रकाशक भी थे। इसके अलावा वह जम्मू-कश्मीर में द हिंदू के कई वर्षों तक ब्यूरो चीफ भी रहे थे।