नई दिल्ली । एक समय था जब भारत में चुनावों के दौरान बूथ कैपचरिंग के मद्देनजर भारी मात्रा में सुरक्षा बलों को तैनात किया जाता था। बाद में ईवीएम आईं तो मतदान के दौरान दो पक्षों में हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षा बलों की कड़ी सुरक्षा की जाती है, लेकिन अगर अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान की बात करें तो यहां आम चुनावों के दौरान पेशावर के प्रशासन ने बड़ा ही अनोखा काम किया गया है। असल में प्रशासन ने पाकिस्तान में होने वाले मतदान के दौरान हिंसा को ध्यान में रखते हुए करीब 1 हजार ताबूत तैयार करवाकर रख लिए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने मतदान के दौरान यहां बड़े पैमाने पर हिंसा की आशंका जताई है। इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी रैलियों में 175 लोग मारे जा चुके हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए मरने वाले लोगों के लिए पहले से ताबूत तैयार कर लिए गए हैं।
बड़े पैमाने पर हिंसा की आशंका
पाकिस्तान मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, चुनावों के मद्देनजर भारी हिंसा की आशंका जताई गई है। मामले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके मद्देनजर यहां पहले से ही एक हजार से ज्यादा ताबूत तैयार करके रख लिए गए हैं। ट्रिब्यून डॉट कॉम की खबर के मुताबिक पेशावर के डिप्टी कमिश्नर इमरान हामिद शेख ने सोमवार को बताया कि 25 जुलाई को मतदान के दौरान हिंसा की आशंका को देखते हुए 1000 कफन और ताबूत तैयार करने के आदेश दिए गए हैं।
भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात
पेशावर के डिप्टी कमिश्नर के मुताबिक, मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होगा। हालांकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए हम तैयार हैं। 25 जुलाई को मतदान के दौरान अफगानी शरणार्थियों को शिविरों में ही रोका गया है। इतना ही नहीं पेशावर में हवाई फायरिंग, ब्लैक-टिंटेड चश्मे और अपंजीकृत वाहनों को पेशावर में घुसने पर प्रतिबंध लगाया है।
लाहौर में आतंकी सरगने ने डाला वोट
इस दौरान मुंबई हमले का गुनहगार और आतंकी सरगना हाफिज सईद ने भी अपनी पार्टी के उम्मीदवार इस बार चुनावी मैदान में उतारे हैं। खुद हाफिज सईद ने लाहौर में अपना वोट डाला।