सिलचर । देश की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मचाने वाले राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी ड्राफ्ट को लेकर गुरुवार एक बार फिर हंगामा उस समय खड़ा हो गया, जब तृणमूल कांग्रेस के 6 सांसद और 2 विधायक असम पहुंच गए। इस मुद्दे पर अपनी राजनीति चमकाने के लिए असम पहुंचे इन टीएमसी नेताओं को स्थानीय पुलिस ने एयरपोर्ट से बाहर निकलने नहीं दिया। बाद में इन सभी को हिरासत में ले लिया गया। वहीं खुद को ड्राफ्ट के चलते मौजूदा हालात का जायदा लेने वाला प्रतिनिधिमंडल बताने वाले इन नेताओं पर पुलिस पर धक्कामुक्की करने का आरोप लगाया है। तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान जारी करते हुए अपने नेताओं को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लेने का आरोप स्थानीय प्रशासन पर लगाया है।
टीएमसी बोली-हालात का जायजा लेने गए थे नेता
बता दें कि गुरुवार सुबह टीएमसी के 6 सांसद और 2 विधायक असम पहुंचे। इन लोगों का कहना था कि ये एनआरसी के चलते राज्य में पनपे हालातों का जायजा लेने के लिए गए थे, लेकिन स्थानीय पुलिस प्रशासन ने उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया। टीएमसी ने जारी बयान में कहा कि वहां गए प्रतिनिधिमंडल को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया है। उनके प्रतिनिधि कानून तोड़ने नहीं जा रहे थे। जबकि पुलिस ने उन्हें पीटा और वरिष्ठ सांसदों के साथ धक्कामुक्की की गई। इतना ही नहीं महिला सांसदों को भी नहीं बख्शा गया।
ममता ने भेजा था दल
असल में ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के कुछ नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर असम में मौजूदा हालात का जायजा लेने के लिए भेजा था। टीएमसी सांसद प्रोफेसर सौगत राय ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया। उन्होंने असम सरकार के खिलाफ सदन में शुक्रवार को विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करने की बात कही।
क्या है मामला
असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर में 40 लाख लोगों का नाम नहीं होना बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ये लोग विदेशी है, जो कई साल पर घुसपैठ कर असम में घुस आए थे। इस ड्राफ्ट के असम में लागू होने के बाद इसके बंगाल में लागू किए जाने की बातें कहीं जा रही हैं, जिसे लेकर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी बिलबिला गई हैं। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों की बात कहते हुए मोदी सरकार हिन्दू मुसलमान के बीच दरार लाना चाह रही है। सदन में इस मुद्दे पर हंगामा होने पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि घुसपैठियों की पहचान करने का काम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने शुरू किया था। इसके बाद किसी भी सरकार ने इस पर काम नहीं किया। हमने इस पर काम कर दिया है।