अगरतल्ला। सरकारी कार्यालयों में ड्रेसकोड को लेकर त्रिपुरा में भी राजनीति काफी तेज हो गई है। राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों को डेनिम जैसी कैजुअल पोशाक नहीं पहनने की सलाह दी है। विपक्ष इसे सरकार की सामंती मानसिकता की निशानी बताया है। बताया जा रहा है कि राजस्व, शिक्षा एवं सूचना व संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव सुशील कुमार की ओर से जारी दिशानिर्देश में अधिकारियों से राज्यस्तरीय बैठकों के दौरान ड्रेस कोड का पालन करने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि राजस्व, शिक्षा एवं सूचना व संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव सुशील कुमार की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देश में कहा गया है कि कर्मचारियों को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली बैठकों या दूसरी उच्चस्तरीय बैठकों में ड्रेस कोड का सम्मान किया जाना चाहिए है। उन्हें इन मौके पर जींस जैसे कैजुअल ड्रेस न पहनने की सलाह दी है।
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यहां बता दें कि सरकारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि बैठकों में ज्यादातर अधिकारी मोबाइल पर संदेश भेजते हैं या फिर वीडियो देखने में मशगूल रहते हैं जो असम्मान का सूचक है। इससे पहले पहले पूर्व मुख्यमंत्री मानिक सरकार ने भी अधिकारियों को जेबों से हाथ बाहर रखने के लिए कहा था।
त्रिपुरा सरकार की ओर से जारी इस दिशा निर्देश पर विपक्ष ने हमलावर रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार यह कैसे तय कर सकती है कौन क्या पहने और क्या नहीं? यह पूरी तरह से सरकार की सामंती मानसिकता को दिखाता है।