नई दिल्ली । अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली रक्षा सहायता में कटौती के ऐलान के बाद अब पड़ोसी देश में काफी उथल-पुथल मच गई है। जहां एक और अमेरिका के दबाव में आतंकी मसूद अजहर अपने आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का नाम काफी गोपनीय तरीके से बदलने की जुगत में जुट गया है। इन दिनों जैश ए मोहम्मद पाकिस्तान में 'अल मुरबितून' नाम से अपने संगठन को चला रहा है। वहीं भारत का अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के बाद से वहां आतंकी संगठनों ने एक नई घिनौनी साजिश को अंजाम देना शुरू कर दिया है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि अब पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन और आतंकी संगठनों की नजर पूरे पाकिस्तान के स्कूल-कॉलेजों और यूनिवर्सिटी पर है। जैश ए मोहम्मद नए अवतार में न केवल आतंकी फंडिंग का काम जारी रखे हुए है, वहीं नई छवि की आंड़ में पूरे पाकिस्तान की यूनिवर्सिटी और कॉलेज कैम्पस में अपने पांव जमाने की कोशिश कर रहा है।
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अल मुरबितून ने स्कूल-कॉलेजों में आयोजित की प्रतियोगिता
खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक, आतंकी मसूद अजहर के नए संगठन ने अपनी आतंकी साजिश का हिस्सा अब पाकिस्तान के स्कूल-कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे नौजवानों को बनाने की रची है। अजहर ने इस नए संगठन के जरिए इस्लामाबाद, कराची, लाहौर और रावलकोट के स्कूलों-कॉलेजों में भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि मसूद अजहर ने काफी सोच-समझ कर JeM का नाम बदला है और इस तरह वह एक तीर से कई शिकार करना चाहता है। इस तरह से संगठन अपने ऊपर अमेरिका या भारत की तरफ से लगाए जा सकने वाले किसी तरह के प्रतिबंध से बचना चाहता है। इस तरह से उन्हें फंड मिलने में भी दिक्कत नहीं होगी और दूसरी पीढ़ी का नेतृत्व भी तैयार किया जा सकेगा।
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पीओके में भर्ती का विस्तार
खबरें है कि जैश पाकिस्तान और पीओके में अपनी भर्ती और अपने संगठन के विस्तार में जुट गया है। पाकिस्तान के स्कूल-कॉलेजों और युनिवर्सिटी में अल मुरबितून के नाम से जारी कई पर्चे मिले हैं, जिनमें युवाओं से वाद-विवाद में शामिल होने का आह्वान किया गया है। वैसे तो यह सामान्य बात लग रही थी, लेकिन संगठन की पोल तब खुल गई जब ऐसे तमाम वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में जैश के नेताओं को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया।
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युवाओं के ब्रेनवाश की साजिश
असल में इस सब के बीच आतंकी संगठनों की मंशा पाकिस्तान के इन मासूम युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें जेहाद के रास्ते पर लाने की है। प्रतियोगिताओं के जरिए पहले ये इन युवाओं के संपर्क में आ रहे हैं और बादज में उन्हें अपने जेहादी संगठन से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस तरह की प्रतिस्पर्धाओं में प्रथम पुरस्कार के तौर पर एक बड़ी तलवार दी जाती है, जिस पर प्रायोजक के रूप में मसूद अजहर का नाम 'अमीर ऑफ मुजाहिदीन्स' के रूप में अंकित होता है।
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