नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश में सियासी घमासान तेज हो गया है। उपचुनावों में मिली हार के बाद सपा-बसपा के बीच बढ़ती दोस्ती को सियासी मात देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार की तर्ज पर महादलित का मास्टर कार्ड खेला है। योगी ने विधानसभा के बजट सत्र में कहा कि जरूरत पड़ने पर महादलित और अति पिछड़ों को आरक्षण देने पर विचार किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि ऐसा कहकर योगी ने बसपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है।
गौरतलब है कि गोरखपुर और फूलपुर में हुए उपचुनाव में भाजपा को भारी हार का सामना करना पड़ा है। अब अपने इस कदम से योगी ने गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित को साधने की कवायद तेज कर दी है। प्रदेश भाजपा सरकार का मकसद सपा-बसपा की बढ़ती नजदीकियों को तोड़ना चाहती है। गुरुवार को विधानसभा के बजट अभिभाषण में योगी आदित्यनाथ ने सूबे के अतिपिछड़ों और महादलितों को अलग से आरक्षण देने पर विचार करने की बात कही है।
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बता दें कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव के दलित वोटबैंक में इसी फॉर्मूले से सेंध लगाई थी और अपना वोट बैंक तैयार किया था। इसी का नतीजा है कि वे मौजूदा दौर में बिहार की सत्ता पर बैठे हुए हैं।