नई दिल्ली। भारतीय सेना से जुड़े राफेल और बोफॉर्स सौदों के विवादों में आने के बाद एक बार फिर एक डिफेंस डील विवादों के घेरे में आ गई है। इस बार यूक्रेन की जांच एजेंसी ने भारत में हुए एक रक्षा विमान सौदे में घूसखोरी के आरोप लगाए हैं। यूक्रेन के एंटी करप्शन ब्यूरो का कहना है कि एएन-32 विमानों के स्पेयर्स खरीदने के मामले में घूसखोरी हुई। आरोप लगाया गया है कि स्पेयर्स खरीद डील में भारत के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को 17.77 करोड़ रुपये की घूस दी गई थी।
जांच एजेंसी बोली- भारत सहयोग करे
सूत्रों के मुताबिक, एएन 32 विमानों के स्पेयर्स खरीद मामले में घूसखोरी का 2015 का है। इस मामले में भारतीय रक्षा मंत्रालय से जुड़े कुछ अधिकारियों को लिप्त बताया जा रहा है। गत 13 फरवरी को यूक्रेन के नेशनल एंटी करप्शन ब्यूरो ने भारत के गृहमंत्रालय से कानूनी सहायता मांगी थी। भारत के साथ हुई डिफेंस डील में घूसखोरी का दावा करते हुए जांच एंजेंसी ने उन अधिकारियों से संबंधित जानकारी मांगी है, जो रक्षा सौदे की आधिकारिक बातचीत के लिए नियुक्त थे और डील पर दस्तखत करने और उसे लागू करने में शामिल रहे।
सरकारी कंपनी ने किया था समझौता
यहां आपको बता दें कि यूक्रेन की सरकारी कंपनी स्पेट्सटेक्ने एक्सपोर्ट ने भारत के रक्षामंत्रालय के साथ 26 नंवबर 2014 को एक समझौता किया गया था।इसके तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को स्पेयर्स पार्ट्स की आपूर्ति की जानी थी। इसके बाद स्पेट्सटेक्नो एक्सपोर्ट ने एक गुमनाम-सी कंपनी ग्लोबल मार्केटिंग एसपी लिमिटेड के साथ इस सौदे को लागू करने के लिए समझौता किया। इसकी वजह से ही यूक्रेन की एनएबी को इस सौदे पर संदेह हुआ।
भारतीय अधिकारियों को थी जानकारी
यूक्रेन का यह मानना है कि भारतीय अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी कि 13 अगस्त 2015 को ग्लोबल मार्केटिंग के साथ दूसरे समझौते पर दस्तखत क्यों किए गए।
यूक्रेन का आरोप है कि भारतीय रक्षामंत्रालय के अधिकारियों को 17.5 करोड़ रुपये की घूस दी गई। इसके लिए भारत की मदद मांगी गई पर समझौते की शर्त का पालन नहीं किया गया। स्पेट्सटेक्नो एक्सपोर्ट ने 26 लाख डॉलर (करीब 17.5 करोड़ रुपये) का बजट फंड यूएई के नूर बैंक में खोले गए ग्लोबल मार्केटिंग के खाते में ट्रांसफर किए।
ये है यूक्रेन का आरोप
यूक्रेन ने यह आरोप लगाया है कि रक्षा सौदा हासिल करने में मदद के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को ये घूस दी गई थी। एनएबी ने इस सौदे में ग्लोबल मार्केटिंग की भूमिका के बारे में जानकारी मांगी है। इसके साथ ही एनएबी ने दुबई नूर इस्लामिक बैंक से भी लेनदेन की जानकारी मांगी है।