नई दिल्ली।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी के आरोपों के बीच इसकी सुरक्षा को साबित करने के लिए चुनाव आयोग इसी महीने के अंत में हैकाथॉन कराएगा। इस हैकथॉन को ईवीएम को हैक करने का ओपन चैलेंज रखा जाएगा। आयोग ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर 12 मई को राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक भी करेगा। इस बैठक में 7 राष्ट्रीय और 48 राज्य स्तरीय पार्टियों को बुलाया गया है।
बैठक के लिए आयोग ने सभी दलों के अध्यक्षों को पत्र भेजकर उनकी पार्टी के दो-दो प्रतिनिधियों को बैठक में शामिल करने को कहा गया है। एक अधिकारी ने बताया कि इस बैठक मे ईवीएम, वीवीपीएटी मुद्दों पर चर्चा होगी। आयोग ने कहा कि इस बैठक में पार्टियों को भरोसा दिलाया जाएगा कि वोटिंग मशीनें पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इन्हें हैक करना संभव नहीं है।
गौरतलब है कि इसी साल 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस, बसपा, सपा और आप सहित 16 पार्टियों ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे।
मशीनों की जांच में आई थी गड़बड़ी
पिछले महीने मध्यप्रदेश और राजस्थान में उपचुनाव से पहले वीवीपीएटी (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) की चैकिंग की दौरान ईवीएम में दो अलग-अलग बटन दबाने पर कमल का फूल प्रिंट हुआ।
कई नेता लगा चुके हैं आरोप
- ईवीएम को लेकर मायावती ने उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद कहा था कि ईवीएम में बटन किसी भी पार्टी का दबाया गया, लेकिन वोट बीजेपी के खाते में गया।
- उत्तराखंड चुनाव के बाद हरीश रावत ने भी ईवीएम पर सवाल खड़े किए थे।
- हाल ही में दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के बाद कांग्रेस और आप ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए थे। आप के कुछ नेताओं ने बीजेपी की जीत को मोदी लहर न कहकर ईवीएम लहर कहा था।