नई दिल्ली। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा करते हुए किसानों की अत्माहत्या के पीछे गलोबल वार्मिंग को अहम वजह बताया है। कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी ने कहा कि वैश्विक तापमान में वृद्धि के साथ ही देश में खुदकुशी की संख्याओं में भी बढ़ोतरी हुई है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि जलवायु परिवर्तन के कारण ही भारत में पिछले 30 वर्ष में 59 हजार किसानों ने अत्महत्या की है। फसल तैयार होने पर तापमान में 1 एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से भी देशभर में 65 किसान खुदकुशी करते हैं। बाढ़, सूखा के साथ तापमान में वृद्धि भी जलवायु परिवर्तन से जुड़ा हुआ है। इससे सबसे ज्यादा वह किसान परिवार प्रभावित होते हैं जो केवल खेती पर ही निर्भर होते हैं।
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वहीं यह आंकड़ा पांच गुना बढ़ा जाता है जब तापमान में पांच डिग्री सेल्यसियस की वृद्धि हो जाती है। शोधकर्ता टम्मा कालर्टन ने बताया कि ऐसी विषम परिस्थितियों ही किसानों को अत्माहत्या की ओर ढकेलती हैं। शोधकर्ताओं ने आगाह करते हुए कहा है कि अगर 2050 तक तापमान तीन डिग्री तक बढ़ा तो खुदकुशी के मामलों में संभव ही बढ़ोतरी होगी।
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अध्ययन के मुताबिक, दुनिया की 75 फीसदी आत्महत्या की घटनाएं विकासशील देशों में होती हैं, इनमें से 20 फीसदी मामले में भारत से होते हैं। भारत में हर साल 1 लाख 30 हजार से ज्यादा आत्महत्याएं होती हैं। सन् 1980 की तुलना में खुदकुशी की दर में दोगुनी वृद्धि हुई है।