भोपाल। केन्द्र सरकार द्वारा एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बदलाव करने का विरोध पूरे देश में हो रहा है। इसे लेकर सवर्ण समाज के द्वारा भारत बंद भी बुलाया गया था जिसमें बड़ी हिंसा हुई थी। मध्यप्रदेश में भी इसका जबर्दस्त विरोध किया जा रहा है। इस विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा बयान दिया है। सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में एससी-एसटी एक्ट मंे बिना जांच के किसी भी अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट ने किसी पर भी शोषण का आरोप लगने पर उसकी जांच होने के बाद ही गिरफ्तारी की बात कही थी लेकिन सरकार ने अध्यादेश लाकर कोर्ट के इस आदेश को बदल दिया। सरकार के इस कदम के बाद पूरे देश में सवर्ण उसके खिलाफ हो गए और आंदोलन छेड़ दिया।
यहां बता दें कि मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं और वहां इस एक्ट को लेकर जबर्दस्त विरोध हो रहा है। कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के रथ पर पत्थरों से हमला भी किया गया था। हालांकि इसका आरोप कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगा था।
गौर करने वाली बात है कि मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में सभी जातियों और वर्गों के लोगों के हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जो भी शिकायतें आएंगी उनकी जांच होगी उसके बाद ही गिरफ्तारी होगी। जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या राज्य सरकार केंद्र सरकार के अध्यादेश के एवज में कोई अध्यादेश लेकर आएगी तो उन्होंने कहा कि मुझे जो कहना था वो मैंने कह दिया है।
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आपको बता दें कि केंद्र सरकार के अध्यादेश के अनुसार एससी-एसटी समाज के शख्स द्वारा उत्पीडन या शोषण की शिकायत किए जाने पर बिना जांच के ही व्यक्ति को गिरफ्तार कर 6 महीने के लिए जेल भेजा जाएगा।