हैदराबाद। मेहनत और लगन से किसी भी मुश्किल से मुश्किल लक्ष्यों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। यह बात आन्ध्र प्रदेश के मोहन पर पूरी तरह से सही बैठती है। मोहन ने ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) में पूरे देश में छठा स्थान प्राप्त किया है। वहीं इसने आंध्र प्रदेश EAMCET(इंजीनियरिंग, कृषि और मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) में टॉप रैंकिंग हासिल की है। बता दें कि मोहन के हौंसले को उसके परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति भी कम नहीं कर पाई।
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360 में से 345 अंक हासिल किए
गौरतलब है कि मोहन के पिता वी. सुब्बाराव हैदराबाद में समोसा बेचकर अपने परिवार का पालन करते हैं। मोहन की लगने के आगे उनकी यह कमजोर आर्थिक स्थिति भी आड़े नहीं आई। मोहन बताता है ‘मैंने कक्षा 8 में ही आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की ठान ली थी। जिसके बाद मेरी नजर मेरे लक्ष्य पर टिकी रही। मैंने नियमित रूप से सभी क्लास में हिस्सा लेता था।’ मोहन को 360 में से 345 अंक हासिल हुए हैं। उसने अपनी सफलता का श्रेय परिजनों, शिक्षकों और अपनी मेहनत को दिया है। उसने हैदराबाद के बाहरी इलाके कुकटपल्ली के आकाश इंस्टिट्यूट से कोचिंग ली थी।
इस लड़के की मेहनत और लगन को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि ‘‘कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो’’।