Saturday, May 4, 2024

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केदारघाटी में नियमों की धज्जियां उड़ा रही हेली कंपनियां, जिलाधिकारी ने डीजीसीए को लिखा पत्र  

अंग्वाल न्यूज डेस्क
केदारघाटी में नियमों की धज्जियां उड़ा रही हेली कंपनियां, जिलाधिकारी ने डीजीसीए को लिखा पत्र  

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में हवाई सेवा देने वाली हेली कंपनियों द्वारा नियमों के पालन नहीं करने से परेशान जिलाधिकारी मंगलेश घिल्डियाल ने डीजीसीए को पत्र लिखकर हैलीपैड का दोबारा निरीक्षण करने का अनुरोध किया है। जिलाधिकारी ने अपने पत्र में लिखा है कि हेली कंपनियां डीजीसीए के नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। 

नियमों का नहीं हो रहा पालन

गौरतलब है कि केदारनाथ में इस समय 13 हेली कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं। इनमें से मात्र तीन कंपनियां ही डीजीसीए के नियमों का पालन कर रही हैं। इसके लिए नारायणकोटि, फाटा और गुप्तकाशी में कंपनियों के हेलीपैड हैं। जिलाधिकारी ने हेलीपैड का निरीक्षण तो पाया कि कंपनियां डीजीसीए के नियमों की अवहेलना कर रही हैं। 

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तीन कंपनियां ही कर रही नियमों का पालन

डीजीसीए के नियमों के मुताबिक प्रत्येक हैलीपैड पर पार्किंग की सुविधा होनी चाहिए ताकि यात्रियों को परेशानी न हो। सेवा देने वाली कंपनियों में से सिर्फ तीन कंपनी ही इस नियम का पालन कर रहीं हंै। पार्किंग न होने से हेलीकॉप्टर से जाने वाले यात्रियों के वाहन हाईवे पर ही खड़े रहते हैं। इससे जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। 

टिकटों के ज्यादा दाम वसूलने की शिकायत

इसके अलावा निर्धारित दरों से अधिक मूल्य पर टिकट बेचने की भी शिकायतें हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि कई कंपनियों के कार्यालय में यात्रियों के वेटिंग हॉल तक नहीं है, जबकि नियमों के तहत यह अनिवार्य है। इतना ही नहीं, डीजीसीए के नियमों के मुताबिक हेलीकॉप्टर को दो हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरनी चाहिए ताकि केदारघाटी की पारिस्थितिकी तंत्र पर असर न पड़े। ग्रामीणों की शिकायत है कि हेलीकॉप्टर काफी नीचे उड़ान भर रहे हैं। इसके शोर से स्कूलों में बच्चों को शिक्षा हासिल करने में भी दिक्कतें आ रही हैं। 


ये है डीजीसीए के नियम

-प्रतिदिन उड़ान की रिपोर्ट प्रशासन को उपलब्ध कराना

-हेलीपैड पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम 

-हेलीपैड में पेयजल, विद्युत, शौचालय और फस्र्टएड की व्यवस्था 

-वन्यजीवों को सुरक्षा के मद्देनजर दो हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान

-हेलीकाप्टर की ध्वनि की तीव्रता पचास डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए  

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