लखनऊ । उत्तर प्रदेश को आगामी 15 अगस्त से पहले कई सीरियल ब्लास्ट के धमाकों से दहलाने की साजिश का पर्दाफाश होने के साथ ही एटीएस ने रविवार के बाद सोमवार सुबह भी यूपी में कई जगहों पर छापेमारी को अंजाम दिया है । इस क्रम में कानपुर से 3 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है । लखनऊ के काकोरी इलाके से गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकियों से पूछताछ में सामने आया है कि वह तीन हजार रुपये की लागत से कूकर बम तैयार कर रहे थे , जबकि जिस अन्य नसीरुद्दीन उर्फ मुशीर रिक्शे की बैटरी से बम बनाता था । इस सबके बीच आतंकियों से मिली सूचना के आधार पर अब जांच एजेंसी कानपुर - संभल , बिजनौर के स्लीपर सेल मॉड्यूल पर नजर जमाए हुए हैं।
बता दें कि लखनऊ के काकोरी से गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकियों की निशानदेही पर एटीएस समेत यूपी पुलिस की टीमों ने कई जगहों पर छापेमारी को अंजाम दिया है । इतना ही नहीं कानपुर से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है । ऐसी सूचना है कि इन तीनों ने गिरफ्तार आतंकियों की काफी मदद की थी । इन आतंकियों के पास से कानपुर के रक्षा प्रतिष्ठानों के भी नक्शे मिले हैं । इससे इतर संभल में भी एक संदिग्ध से पूछताछ जारी है ।
मिली जानकारी के अनुसार , लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों की मानव बम के जरिए यूपी में सीरियल ब्लास्ट करने की साजिश थी । आतंकी 15 अगस्त के आसपास धमाका करने की फिराक में थे । आतंकी के नाम मिनहाज अहमद और मसीरूद्दीन है । अलकयदा का ये मानव बम मॉड्यूल था । दोनों आतंकी अंसार गजवातुल हिंद ग्रुप से जुड़े थे।
यूपी में आंतकियों के जिस ग्रुप से जुड़े होने की बात सामने आई है , उसके बारे में बता दें कि अंसार गजवातुल भारत में अलकायदा का ही ग्रुप है । इसका हैंडलर उमर अल मंडी है, जिसका प्रमुख मूसा कश्मीर में मारा जा चुका है । पुलिस के मुताबिक उमर अल मंडी अलकायदा के यूपी मॉड्यूल का मुखिया है । बताया जा रहा है कि उमर अल मंडी का संबंध यूपी के संभल से है, इसलिए वहां भी उससे जुड़े सुरागों की छानबीन शुरू हो गई है ।