लखनऊ । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में केंद्र की मोदी सरकार की साधु-संतों को दी जाने वाली योजना पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि साधु-संतों को 20 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जानी चाहिए। इसके साथ ही देश के ग्रामीण इलाकों में रामलीला के दौरान राम-लक्ष्मण-सीता बनने वाले किरदारों को भी पेंशन दी जानी चाहिए। अगर इस सब के बाद कुछ पैसा बच जाए तो रावण को भी कुछ पेंशन दी जानी चाहिए। हालांकि इस दौरान उन्होंने अपने खास अंदाज में केंद्र और यूपी की योगी सरकार पर कटाक्ष किए। उन्होंने भाजपा के उस सवाल का जवाब दिया , जिसमे उनसे पूछा गया था कि विपक्ष के पास पीएम का कौन उम्मीदवार कौन है, अखिलेश बोले - अब देश को नया पीएम चाहिए। अगर भाजपा के पास कोई नया पीएम पद का उम्मीदवार है तो बताएं ।
बता दें कि कोलकाता में 22 विपक्षी दलों की मेगा रैली के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिलेश बोले- मैं जाट समुदाय के लोगों को बधाई देता हूं कि उन्होंने भाजपा को आगामी लोकसभा चुनावों में वोट नहीं देना फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि अब देश की जनता को भाजपा पर भरोसा नहीं है।
उन्होंने कहा- जो लोग संस्कृति और समाज का ढंका पीटते हैं उनकी भाषा कल देखी आपने, बसपा नेता आदरणीय मायावती जी के लिए जिस स्तर की घटिया भाषा का इस्तेमाल किया वह गलत है। उन्होंने कहा कि आप भाजपा के नेताओं की भाषा देखिए, मायावती के खिलाफ भाजपा की नेता का बयान साफ करता है कि उनका चाल चरित्र चेहरा क्या है। यह बात तो साफ है कि आने वाले लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा की भाषा और बिगडेगी ।
अखिलेश ने कहा- देश की जनता इस बार ईवीएम के बजाए बेलेट से चुनाव लड़ना चाहती है। ऐसे में इस बार कहीं ईवीएम को सर्दी न लग जाए । उन्होंने कहा कि देश की जनता में भाजपा के खिलाफ इतना गुस्सा है कि वह बेलेट पेपर पर जोर से मुहर मारकर अपना गुस्सा उतारना चाहती है।
अखिलेश यादव ने कहा भाजपा के पास काम का कोई ब्यौरा नहीं है इसलिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस बार चुनाव में जनता उन्हें जवाब देने के लिए तैयार बैठी है।