लखनऊ । समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क एक बार फिर से अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं । संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और आगजनी के दौरान हुई उप्रदवियों की मौतों पर सवाल खड़े किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि देशभर में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कोई पुलिसकर्मी या पुलिस अधिकारी क्यों नहीं मरा, सिर्फ प्रदर्शनकारी ही क्यों मारे गए। वहीं इस दौरान सांसद के साथ मौजूद सपा के एमएलसी डॉ. राजपाल कश्यप ने सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए हिंसक बवाल के लिए भाजपा और यूपी पुलिस को जिम्मेदार बताया । राजपाल कश्यप ने सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों और भाजपा के लोगों ने ही प्रदर्शनकारियों की भीड़ में शामिल होकर हिंसा की, दंगे कराए । उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी तो निहत्थे थे । कश्यप ने कहा कि पुलिस अब उन्हीं निर्दोष लोगों पर मुकदमे दर्जकर जेल भेज रही है ।
विदित हो कि यूपी में पिछले दिनों CAA के विरोध में राज्य के विभिन्न जिलों में जमकर हिंसा हुई । इस दौरान सरकारी संपत्ति को आग के हवाले किया गया । इस सब के बाद योगी सरकार ने उपद्रवियों और आगजनी करने वालों से सरकारी संपत्ति के हुए नुकसान की भरपाई उनकी संपत्तियों को जब्त करकर की है । इस मामले को लेकर राज्य में सियासत गर्म है । इस सब के बीच विपक्षी दलों के नेताओं की बयानबाजी जारी है ।
बता दें कि सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क और सपा एमएलसी राजपाल कश्यप गत सोमवार एक प्रतिनिधिमंडल के साथ संभल में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने पहुंचे थे। इस माहौल में जहां सपा से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने सिर्फ प्रदर्शनकारियों के मारे जाने और पुलिसवालों के हिंसा में नहीं मारे जाने का सवाल उठाया , वहीं सपा नेता राजपाल कश्यप ने दंगे में मारे गए प्रदर्शनकारियों को 50-50 लाख का मुआवजा देने की मांग कर डाली । इतना ही नहीं सपा सरकार आने पर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए सभी केस वापस लिए जाने का भी ऐलान किया।