नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने देश के भ्रष्टाचारी अफसरों पर शिकंजा कसने के साथ ही नेताओं और व्यापारियों के खिलाफ नकेस कसना शुरू कर दिया है । इस कड़ी में इन दिनों कई लोगों के यहां विभिन्न विभागों की छापेमारी जारी है । इसी क्रम में मंगलवार को इनकम टैक्स विभाग ने गुरुग्राम स्थित 150 करोड़ रुपए के होटल को बेनामी संपत्ति के तहत जब्त कर लिया है । जांच में सामने आया है कि यह बेनामी संपत्ति हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे और कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई और चंदर मोहन की है । IT विभाग की यह कार्रवाई गत जुलाई में कंपनी से जुड़ी जांच में मिले कुछ सबूतों के आधार पर की है । इस जांच में आयकर विभाग को कई ऐसे सबूत हाथ लगे थे जिससे कंपनी के स्वामित्व पर शक हुआ था । ब्रिस्टल होटल के स्वामित्व को लेकर आयकर विभाग ने अनियमितता पाई थी । इसके बाद कार्रवाई करते हुए बेनामी संपत्ति को जब्त कर लिया ।
बता दें कि आईटी विभाग ने जुलाई में टैक्स चोरी से जुड़े मामले में बिश्नोई के हरियाणा के हिसार, मंडी आदमपुर और गुरुग्राम समेत कुल 13 स्थानों पर 23 जुलाई को छापेमारी की थी । इसमें कई बेनामी संपत्तियों सहित करोड़ों रुपये के लेनदेन, चल-अचल संपत्तियों से संबंधित डील के बारे में जानकारी और सबूत मिले थे । आयकर विभाग को यूएई और पनामा में कुलदीप बिश्नोई की कंपनी के शेयर की जानकारी और दस्तावेज मिले थे ।
वहीं मंगलवार को आईटी विभाग द्वारा की गई कार्रवाई बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम, 1988 की धारा 24 (3) के तहत की है. आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई (BPU) ने यह कार्रवाई की है । आयकर विभाग द्वारा जब्त की गई संपत्ति का स्वामित्व ब्राइट स्टार होटल प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर है, जिसमें 34% शेयर अन्य कंपनी के नाम है जो ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (BVI) में रजिस्टर्ड है । यह कंपनी संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होती है । खबरों के अनुसार , ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड के कथित बेनामी शेयरधारक बिश्नोई परिवार के बेहद करीबी हैं । इस संपत्ति के बारे में फैसले लेने का मालिकाना हक बिश्नोई परिवार के पास ही है ।
ब्राइट स्टार होटल प्राइवेट लिमिटेड में शेयरों के अधिग्रहण के लिए भुगतान का अंतिम निर्णय भी बिश्नोई परिवार द्वारा ही किया गया था और वे भारत और विदेशों में स्थित अपने सहयोगियों के माध्यम से इन पर नियंत्रण रखते थे ।