पटना । भारतीय जनता पार्टी का दायरा भले ही देश के कई नए राज्यों में बढ़ रहा हो , लेकिन सत्तारूढ़ बिहार में उसकी गठबंधन सरकार में दरार पड़ गई है । ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा से खफा हैं और वह एक बार फिर से भाजपा का दामन छोड़ पहले की तरह महागठबंधन के साथी बन सकते हैं । इन्हीं अटकलों के बीच सूबे की सियासत गर्मा गई है । ऐसे में भाजपा - जदयू गठबंधन के टूटने की आशंका भी जताई जा रही है । इस सबके बीच भाजपा को छोड़कर तमाम बड़े दलों ने विधायक दल की बैठक बुलाई है । इसी क्रम में कांग्रेस के बिहार प्रभारी पटना रवाना हो चुके हैं । जदयू ने भी अपने सभी सांसदों को सोमवार शाम तक पटना आने को कहा है । वहीं कांग्रेस ने मंगलवार शाम विधायक दल की बैठक बुलाई है । वहीं आरजेडी ने अपने विधायकों को अगले 3-4 दिनों तक पटना में रहने के लिए कहा है ।
शिक्षामंत्री के बयान से सामने आई खटास
विदित हो कि बिहार के शिक्षा मंत्री और जदयू नेता विजय कुमार चौधरी ने हाल में एक बयान में कहा कि हम नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे । हमें भाजपा से सम्मान की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ । ऐसे में हमने फैसला लिया है कि हम मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे । हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी साफ किया था कि उनका यह फैसला बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन को प्रभावित नहीं करेगा । बावजूद इसके भाजपा और जदयू में खटास की खबरें हैं । यही कारण है कि नीतीश कुमार ने भाजपा से दूरी बनाने की नियत से ही पीएम मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लिया ।
मंत्री पद नहीं दिए जाने से नाराज जदयू
बता दें कि जेडीयू की ओर से सामने आए एक बयान में कहा गया कि हमने केंद्र की मोदी सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला किया है । असल में जेडीयू ने मोदी कैबिनेट में 2 मंत्री पद की मांग की थी, जिसे भाजपा ने खारिज कर दिया । इसके बाद भाजपा ने भी यही कहा था कि इससे बिहार में गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा ।
2017 में महागठबंधन से अलग हुई थी जेडीयू
विदित हो कि आरजेडी ने मंगलवार शाम 6 बजे पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर विधायक दल की एक बैठक बुलाई है। ऐसी खबरें हैं कि इस बैठक में बिहार की गठबंधन सरकार में जारी दरार को लेकर मंथन होगा । असल में साल 2017 में महागठबंधन से अलग होकर जेडीयू एनडीए में शामिल हो गई थी। साल 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन बना था, तब जेडीयू ने उसी के साथ सरकार बनाई थी ।