मल्लपुरम।
मस्जिद के लाउडस्पीकर को लेकर मशहूर सिंगर सोनू निगम की आपत्ति से काफी बवाल हुआ था। लेकिन अब देश में ऐसी मस्जिद बनकर तैयार है, जहां लाउडस्पीकर को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी। दरअसल, यह मस्जिद मूक-बधिरों के लिए बनाई गई है। सोमवार को इस मस्जिद का उद्घाटन किया गया। इस मस्जिद में हर शुक्रवार यानी जुमे की नमाज वे लोग भी पढ़ सकेंगे, जो न सुन सकते हैं और न ही बोल सकते हैं। यह मस्जिद केरल में बनाई गई है।
सांकेतिक भाषा में बताया जाएगा खुतबा
यह मस्जिद पांच एकड़ जमीन पर बनी है। इसमें जुमे की नमाज के दौरान होने वाले खुतबा को मूक-बधिरों की भाषा (सांकेतिक भाषा) में अनुवाद किया जाएगा। यह भारत की पहली मस्जिद है, जहां यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह हर नमाज के दौरान दिए जाने वाले धर्मोपदेश के लिए भी संकेत भाषा विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। नमाज के लिए आने वाले लोगों की सुविधा के लिए दीवारों पर एलसीडी स्क्रीन भी लगाई गई है। इस मस्जिद में एक साथ 500 लोग नमाज पढ़ सकते हैं।
75 लाख रुपये आया निर्माण में खर्च
अबिलिटी फाउंडेशन नाम के एनजीओ ने इस मस्जिद का निर्माण करवाया है। इसका निर्माण 2016 में शुरू हो गया था और इसे बनाने में 75 लाख रुपये खर्च आया। एनजीओ के चेयरमैन मुस्तफा मदनी ने कहा कि उन्हें इस मस्जिद को बनाने का आइडिया तब आया, जब उन्हें पता लगा कि जो स्टूडेंट सुन नहीं सकते, वे जमे की नुमाज और प्रार्थना सभा इसलिए छोड़ देते हैं, क्योंकि उन्हें धर्मोपदेश का पालन करने में दिक्कत आती है।