भोपाल । कोरोना काल के बीच जहां संक्रमितों की संख्या में तेजी ने पूरे देश की जनता को दहशत में डाला हुआ है , वहीं इस सबके बीच राजनीति के खेल बदस्तूर जारी हैं । मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल विस्तार किया । प्रदेश की राज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार) आनंदी बेन पटेल ने राजभवन में कुल 28 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई । इनमें 20 कैबिनेट मंत्री, 8 राज्य मंत्री शामिल हैं. इनमें गोपाल भार्गव, विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया समेत कई बड़े नेता शामिल रहे । शपथ ग्रहण में खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे । कैबिनेट विस्तार से पहले शिवराज ने दिल्ली आकर शीर्ष नेतृत्व के साथ मंथन किया था ।
बता दें कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरने के बाद जब शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब कुछ ही मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था । इस सबके बाद गुरुवार को शिवराज सरकार ने अपने कैबिनेट का विस्तार किया । इस पहले मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस से भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों की छाप दिखी ।
इस दौरान प्रदुमन सिंह तोमर , प्रेम सिंह पटेल , ओम प्रकाश सकलेचा , ऊषा ठाकुर , अरविंद भदौरिया , हरदीप सिंह डंग समेत अन्य मंत्रियों को कैबिनेट में जगह दी गई है । सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को पहले ही शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर अप्रैल में शामिल कर लिया गया है ।
विदित हो कि मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सदस्य हैं । इस लिहाज से अधिकतम 35 विधायक मंत्री बनाए जा सकते हैं । जब शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब कैबिनेट में सिर्फ 6 मंत्री ही शामिल हुए थे ।
असल में कोरोना काल के बीच राज्य में भाजपा ने मात्र 6 मंत्रियों की शपथ के साथ अपनी सरकार तो बना ली लेकिन कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पा रहा था । राज्य के राज्यपाल लालजी टंडन का स्वास्थ्य खराब होने के चलते पिछले कुछ दिनों कैबिनेट विस्तार लटका हुआ था । इस सबके बीच आनंदी बेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया गया , जिसके चलते भाजपा सक्रिय हुई । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पाटिल , दिल्ली गए और उन्होंने कैबिनेट विस्तार पर चर्चा की ।